Delhi Coaching Incident: 'बहुत ताकतवर हैं कोचिंग सेंटर संचालक, नकेल कसना मुश्किल'; हादसे पर फूटा छात्रों का गुस्सा

छात्रों का कहना है कि घटना होने से कोचिंग सेंटरों की मनमानी सामने आई है। लेकिन, अभी तक किसी भी बड़े संचालक ने कोई बयान नहीं दिया है। अब वे इतने ताकतवर हो चुके हैं कि उन पर सीधे तौर पर नकेल कसना प्रशासन के बस में नहीं लगता।उदय जगताप, नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। अब तक की जांच और कार्रवाई से वे संतुष्ट नहीं हैं। उनका प्रदर्शन घटना के तीसरे दिन भी जारी है।दिल्ली के एक छात्र अभिमन्यु गर्ग ने कहा, 26 जून को एक छात्र ने एमसीडी में राव कोचिंग सेंटर की शिकायत की थी। बेसमेंट में बगैर एनओसी और अनुमति कक्षाएं संचालित होने की बात स्पष्ट तौर पर शिकायत में उल्लेखित की थी, लेकिन एमसीडी ने उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया, और इतना बड़ा हादसा हो गया।इसकी वजह कोचिंग सेंटर संचालकों की अकूत दौलत और ताकत है। कई संचालक अब सेलिब्रिटी बन चुके हैं। करोड़ों रुपये की गाड़ियों में घूमते हैं। इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद उन्होंने सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है।Delhi Coaching Incident: आधे घंटे की बारिश से लापरवाह सिस्टम में डूबीं तीन जिंदगियां, जलभराव से अंजान थे अभ्यर्थीअभिमन्यु ने कहा, तेलंगाना में एक छोटे से कोचिंग सेंटर ने आईएएस अधिकारी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करा रखा है। सिविल कोर्ट में वह केस लड़ रही हैं। 2020 में वे आईएएस में चयनित हुई थीं। 2023 में उनकी 15वीं रैंक थी।उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जनरल स्टडी के सिर्फ दो पेपर ही उन्होंने कोचिंग सेंटर से पढ़े हैं। अभिमन्यु ने कहा, तेलंगाना के कोचिंग सेंटर एक आईएएस के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं, तो दिल्ली के कोचिंग सेंटर संचालकों से छात्र सीधा मुकाबला कैसे कर सकते हैं। फीस को लेकर कोई नियम नहीं हैं और सिर्फ सी सेट की तैयारी के दो-दो लाख रुपये ले लिए जाते हैं।एक साल की तैयारी में छात्र को चार लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन, उनकी सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं होते। अधिकतर कोचिंग और पुस्तकालयों में न फायर एग्जिट हैं और न आपातकालीन मार्ग। पुणे के रहने वाले एक छात्र संकेत ने कहा, सरकारों को आपस में समन्वय बनाकर इन कोचिंग सेंटर संचालकों को कार्रवाई की जद में लाना चाहिए। संस्थानों की एजेंसियों द्वारा जांच करानी चाहिए।मुखर्जी नगर में भी युवाओं ने किया जोरदार प्रदर्शनविद्यार्थियों ने विभिन्न मार्गों से जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। पुलिस देर रात तक छात्रों को मनाने का प्रयास करती रही। सोमवार रात सात बजे नेहरू विहार के सेंट्रल पार्क में विद्यार्थियों ने राजेंद्र नगर में हादसे में जान गंवाने वाले अपने तीन साथियों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद यहां से कैंडल मार्च शुरू हुआ। युवा वर्धमान माल से होते हुए सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट चौक पर पहुंचे। यहां कैंडल मार्च प्रदर्शन में बदल गया।

July 30, 2024 09:14 UTC


Landslides in Wayanad : भूस्खलन से 93 लोगों की मौत, सैंकड़ों फंसे, राहुल जाएंगे कल वायनाड

Landslide in Wayanad : केरल के वायनाड में मंगलवार की सुबह लोगों की आंखें तबाही के मंजर के साथ खुलीं. मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, पिनराई विजयन के अनुरोध पर नौसेना की टीम भेजी जा रही है, जिन्होंने नौसेना की रिवर क्रॉसिंग टीम की मदद मांगी है. प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर की दो टीमें वायनाड के लिए रवानाकेएसडीएमए की फेसबुक पोस्ट के अनुसार, कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर की दो टीमों को भी बचाव प्रयासों में सहायता के लिए वायनाड जाने का निर्देश दिया गया है. प्रभावित इलाकों के स्थानीय लोगों का कहना है कि कई लोगों के फंसे होने की आशंका है.

Source:NDTV

July 30, 2024 07:47 UTC


Lifting the six-decade-old ‘ban’ on government employees taking part in the activities of RSS is a retrograde step

Lifting the six-decade-old ‘ban’ on government employees taking part in the activities of Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) is a retrograde step, making a mockery of Sardar Vallabhai’s vision of the role of civil services in IndiaToShri Rajiv GaubaCabinet SecretaryGovernment of IndiaI write this letter with a feeling of anguish and distress at a disturbing news report(://indianexpress.com/article/india/ban-govt-employees-in-rss-activities-removed-cong-bjp-9467790/) that the Department of Personnel (Government of India) abruptly lifted the six-decade-old “ban” on government employees taking part in the activities of Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS). If what has been reported is factually correct, the said order makes a mockery of the vision of Sardar Vallabhai Patel, the architect of the civil services in India, of the role expected of civil services in the country. Now that the RSS has gained a strong presence in politics, does the latest order of the government represent the present political executive’s endeavour to extend such a presence among the country’s civil services also? To depart from the path of rectitude in either of these respects is to debase public service and to lower its dignity. Is the latest memo on civil servants a part of an orchestrated attempt of the political establishment today to politicise institutions one by one, systematically?

July 30, 2024 07:01 UTC


ओडिशा के सोनेपुर में आयोजित हुआ MFOI Samridh Kisan Utsav, किसानों को मिली खरीफ फसल में कीट एवं रोग प्रबंधन की जानकारी!

MFOI Samridh Kisan Utsav 2024: ओडिशा के सुबर्णपुर जिले के बड़ाझिंकी में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र, सोनेपुर में परिसर में 'एमएफओआई समृद्ध किसान उत्सव' का आयोजन किया. कार्यक्रम की थीम 'समृद्ध भारत के किसानों की आय को अधिकतम करना' रखी गई और इसका मुख्य उद्देश्य जिल के किसानों को कृषि में नवीनतम प्रथाओं और नवाचारों के साथ जोड़ना रहा. सोनेपुर में आयोजित हुए इस कार्यक्रम का विषय ‘खरीफ फसल में कीट एवं रोग प्रबंधन, ट्रैक्टर उद्योग में नवाचार और ट्रैक्टर प्रबंधन’ रखा गया. किसानों को किया गया सम्मानितसुबर्णपुर में आयोजित हुए इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अतिथियों द्वारा जिले के प्रगतिशील किसानों को प्रमाण पत्र वितरित करना रहा. कृषि जागरण की यह पहल देशभर के किसानों में से कुछ अग्रणी किसानों को चुनकर राष्ट्रीय के अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाने का काम करेगी.

July 30, 2024 00:20 UTC


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