UTTAR PRADESH NEWS: Preparation for major changes at high level in UP's bureaucracy,

AdvertisementsUTTAR PRADESH NEWS : यूपी के दो IAS अफसर केंद्र सरकार में तैनाती के इंतजार में थे। इनमें से देवेश चतुर्वेदी को भारत सरकार में कृषि विभाग का सचिव बनाया गया है।मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल को भी केंद्र में तैनाती का इंतजार है। प्रशासनिक हलकों में चर्चा है कि गोयल की केंद्र में तैनाती के साथ ही यूपी के प्रशासनिक अमले में बड़ा बदलाव होगा।रेसलर Vinesh Phogat पेरिस ओलिंपिक से बाहरजानकारों का मानना है, यूपी की ब्यूरोक्रेरी में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहने वाले अफसरों को सरकार के फोकस पर ध्यान देना होगा। अपनी कार्यशैली और योजना को उसी के अनुरूप ढालना होगा। एक आईएएस अफसर ने बताया- सीएम योगी (CM YOGI) पूरी तरह एक्शन मोड में हैं। ऐसे में उनके लक्ष्य की आड़ में कोई भी अफसर आया, तो वह नप जाएगा।नजूल की कितनी जमीन, आंकडा प्रशासन के पास नहींकृषि उत्पादन आयुक्त देवेश चतुर्वेदी की केंद्र में तैनाती के बाद अब यूपी की ब्यूरोक्रेसी में हाईलेवल पर बड़े बदलाव की तैयारी है। सीएम ऑफिस और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह उपचुनाव और विधानसभा चुनाव- 2027 को देखते हुए नई टीम बनाने की तैयारी में हैं। सीएम ऑफिस से लेकर दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के विभागों में अफसर बदले जा सकते हैं।अब जानिए क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं…1- एसपी गोयल की जगह ले सकते हैं संजय प्रसाद: सूत्रों का कहना है, मुख्यमंत्री योगी के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की केंद्र में पोस्टिंग जल्द होगी। गोयल की पोस्टिंग के बाद उनकी जगह CM के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद लेंगे। संजय प्रसाद के पास सूचना, नागरिक उड्‌डयन सहित अन्य विभागों का अतिरिक्त कार्यभार रह सकता है।कानपुर आर्यनगर विधानसभा विधायक अमिताभ बाजपेई से खास बात2- सीएम दफ्तर में भी एक प्रमुख सचिव तैनात होंगे: सूत्रों का कहना है, मुख्यमंत्री कार्यालय में भी एक प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी की तैनाती की जाएगी।3- राजस्व परिषद को मिलेगा नया अध्यक्ष: राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दुबे 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह को राजस्व परिषद का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मनोज सिंह इसी साल 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे।किसको क्या मिल सकता है…1- एपीसी के लिए तीन दावेदार: कृषि उत्पादन आयुक्त के लिए 1989 बैच की IAS मोनिका एस गर्ग, अनिल कुमार और मनोज सिंह दावेदार हैं।2- दीपक कुमार को गृह के अलावा दूसरे विभाग मिल सकते हैं: अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार के पास वित्त और माध्यमिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी बनी रहेगी। सूत्रों के मुताबिक, आगामी विधानसभा उपचुनाव तक सीएम को गृह विभाग में विश्वस्त अफसर चाहिए। दीपक कुमार सीएम के विश्वसनीय अफसर हैं। उनको नियुक्ति एवं कार्मिक या किसी एक अन्य बड़े विभाग की जिम्मेदारी और मिल सकती है।ASHOK-गोल्डी समेत कई ब्रांडेड मसालों में मिला कीटनाशककौन से अफसर हटेंगे और कहां से आएंगेडिलीवरी नहीं देने वाले हटाए जाएंगे: शासन में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे ऐसे अफसर हटाए जाएंगे, जो विभाग में फास्ट डिलीवरी नहीं दे पा रहे। सरकार का पूरा फोकस विधानसभा चुनाव- 2027 पर है। ऐसे में जनता से जुड़े महकमों और केंद्र-प्रदेश सरकार की योजनाओं से जुड़े विभागों में वही अफसर तैनात होंगे, जो सरकार की मंशा के अनुरूप काम करेंगे।दिल्ली से भी बुलाए जा सकते हैं अफसर: प्रमुख सचिव और सचिव पद के लिए दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर तैनात कुछ अफसर फिर यूपी बुलाए जा सकते हैं। इनमें अर्चना अग्रवाल, निवेदिता शुक्ला, भुवनेश कुमार, मृत्युंजय नारायण, धीरज साहू और अनीता मेश्राम सहित अन्य नाम शामिल हैं।बड़े महकमे मिल सकते1990-1991 बैच के अफसरों को मिलेगा मौका: यूपी के शासन की सत्ता जल्द ही 1990 और 1991 बैच के अफसरों के हाथ होगी। 1989 बैच में यूपी में चार ही अफसर हैं। एसपी गोयल की केंद्र में पोस्टिंग के बाद तीन ही अफसर रह जाएंगे। इनमें से मनोज सिंह भी दिसंबर में रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में अब 1990 बैच के हिमांशु कुमार, सुधीर एम. बोवड़े, जितेंद्र कुमार, 1991 बैच के एल. वेंटकेश्वर लू, राजेश कुमार सिंह, बीएल मीणा, 1992 बैच के नरेंद्र भूषण और अनुराग श्रीवास्तव को बड़े महकमे मिल सकते हैं।विधान परिषद में नजूल बिल अटका, भूपेंद्र चौधरी खुद विरोध में उतरेमुख्य सचिव की पसंद से होगी तैनातीयूपी में महत्वपूर्ण विभागों में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों की तैनाती अब मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह (Chief Secretary Manoj Kumar Singh) की पसंद से होगी। मनोज कुमार सिंह सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी अफसर हैं। जानकार मानते हैं, ब्यूरोक्रेसी में बड़े पदों पर वही अफसर तैनात होंगे जो मुख्य सचिव से तालमेल बनाए रख सकते हैं। साथ ही विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनजर सरकार को फास्ट डिलीवरी दे सकते हैं।SOURCE : bhaskar.com

August 08, 2024 14:54 UTC


लुधियाना टाइगर सफारी से कमज़ोर गीदड़ का वीडियो वायरल: युवक ने पोस्ट कर लिखा- जानवरों की हड्डियां निकल गई; इंचार्ज बोले- अपने हाथों से पाला - Ludhiana News

लुधियाना टाइगर सफारी से कमज़ोर गीदड़ का वीडियो वायरल:लुधियाना के चिड़ियाघर (टाइगर सफारी) में घूमते गीदड़ का एक पर्यटक ने वीडियो बना लिया।पंजाब के लुधियाना में टाइगर सफारी की हालत खराब होती जा रही है। टाइगर सफारी घूमने गए एक पर्यटक ने सोशल मीडिया पर एक गीदड़ का वीडियो शेयर किया है। जिसमें उसने कहा कि टाइगर सफारी के जानवरों की हालत बहुत खराब है। उन्हें समय पर खाना नहीं मिल रहा है।. पर्यटक ने गीदड़ का वीडियो शेयर किया जिसमें वो काफी कमजोर और सुस्त नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक, प्रभ सिंह नाम के एक पर्यटक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वीडियो शेयर किया है। उसने दावा किया है कि गीदड़ को ठीक से खाना नहीं मिलने की वजह से उसकी हड्डियां बाहर आ गई हैं। उसने कहा कि चिड़ियाघर (टाइगर सफारी) में कोई व्यवस्था नहीं है।टाइगर सफारी में गिदड़ बाहर निकलते समय बनाई पर्यटक ने वीडियो।प्रभ ने बताया कि गीदड़ के लिए न तो पानी रखा गया है और न ही खाने के लिए कुछ रखा गया है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि लुधियाना चिड़ियाघर पर ध्यान दिया जाए ताकि जानवरों की सुविधाओं पर ध्यान दिया जा सके। सरकार को लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त व्यवस्था बनानी चाहिए ताकि इन जानवरों को राहत मिल सके।लुधियाना चिड़िया घर।डॉक्टरों की सलाह और उम्र के हिसाब से दिया जाता है खाना- इंचार्ज नरिंदर सिंहइस संबंध में चिड़ियाघर (टाइगर सफारी) के इंचार्ज नरिंदर सिंह ने बताया कि मादा गीदड़ उनके चिड़ियाघर में है। वह अभी करीब ढाई साल की है। उसका नाम जिम्मी है। जानवर को उसकी उम्र के हिसाब से खाना दिया जाता है।जिमी को रोजाना 2 किलो मीट दिया जाता हैनरिंदर सिंह ने बताया कि जिम्मी को होशियारपुर से रेस्क्यू किया गया था। उसे रोजाना 2 किलो मीट दिया जाता है। सभी जानवरों को सप्ताह में एक बार डाइट से छुट्टी दी जाती है। डॉक्टर उनके स्वास्थ्य की जांच करते हैं और डाइट चार्ट बनाते हैं, जिस पर कर्मचारी काम करते हैं। जानवर की उम्र बढ़ने के साथ ही उसका डाइट भी बढ़ता या घटता है।चिड़िया घर में घुमता टाइगर (फाइल फोटो)जिम्मी को अपने हाथों से पाला- इंचार्जमसलन, अब बाघ को रोजाना 8 किलो मांस दिया जाता है। जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ेगी, उसे उसकी सेहत के हिसाब से कम या ज्यादा मांस दिया जाएगा। नरिंदर सिंह ने बताया कि जिम्मी को उन्होंने अपने हाथों से पाला है। इसलिए वह या उनका स्टाफ उसे कभी नजरअंदाज नहीं कर सकता।

August 08, 2024 14:40 UTC


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