वरिष्ठ पत्रकार दिगपाल सिंह ने ‘Zee Digital’ में अपनी पारी को दिया विराम

वरिष्ठ पत्रकार दिगपाल सिंह ने ‘जी डिजिटल’ (Zee Digital) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस समूह की हिंदी न्यूज वेबसाइट ‘इंडिया.कॉम’ (india.com) में करीब ढाई साल से बतौर न्यूज एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।समाचार4मीडिया से बातचीत में दिगपाल सिंह ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। दिगपाल सिंह ने बताया कि वह जल्द ही एक अन्य मीडिया हाउस में अपनी पारी शुरू करने जा रहे हैं, जिसके नाम का खुलासा वह वहां जॉइन करने के बाद करेंगे।बता दें कि ‘इंडिया.कॉम’ से पहले दिगपाल सिंह स्वास्थ्य' क्षेत्र की प्रमुख वेबसाइट myupchar.com के साथ बतौर टीम लीडर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। एक दशक से ज्यादा समय से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिया दिगपाल देश के उन चुनिंदा पत्रकारों में है, जिन्हें ऑनलाइन मीडिया में महारत हासिल है।दिगपाल सिंह पूर्व में कई मीडिया संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं। जून 2008 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड’ (HMVL) की वेबसाइट livehindustan.com से बतौर सब एडिटर की थी। यहां उन्होंने करीब सवा तीन साल तक अपनी सेवाएं दीं। अक्टूबर 2011 में यहां से बाय बोलकर दिगपाल सिंह ने ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप का दामन थाम लिया। इस समूह की वेबसाइट aajtak.in में उन्होंने बतौर सीनियर सब एडिटर जॉइन किया और यहां करीब साढ़े तीन साल तक अपनी जिम्मेदारी निभाई।मार्च 2015 में यहां से अलविदा कहकर दिगपाल सिंह ने ‘एनडीटीवी’ का रुख किया और khabar.ndtv.com में बतौर सीनियर सब एडिटर नई पारी शुरू की। हालांकि यहां उनका सफर ज्यादा नहीं चला और नवंबर 2016 में यहां से अपनी पारी को विराम देकर उन्होंने बतौर डिप्टी न्यूज एडिटर ‘दैनिक जागरण’ की वेबसाइट jagran.com जॉइन कर ली। यहां करीब तीन साल तक उन्होंने डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर अपनी भूमिका निभाई और फिर myupchar.com होते हुए ‘इंडिया.कॉम’ पहुंचे थे, जहां से अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट दिगपाल सिंह ने भोपाल की माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से संबद्ध हिंदी एकेडमी (दिल्ली) से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मीडिया किया है। इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद से मास्टर्स इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है।समाचार4मीडिया की ओर से दिगपाल सिंह को उनकी अग्रिम पारी के लिए शुभकामनाएं।

Source:NDTV

January 31, 2024 06:56 UTC


इस खेती में पेटा काश्त तकनीक से किसानों की आमदनी में होगी बढ़ोतरी, जानें पूरी डिटेल

यहां जानें इस तकनीक की पूरी जानकारी-Farming: आज के समय में देश के किसान खेती-किसानी से कम समय में ही अच्छी मोटी कमाई कर सकते हैं. क्योंकि इस आधुनिक समय में खेत में कई तरह की नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो किसान के बजट में भी है. दरअसल, खरबूजे की खेती की जिस तकनीक की हम बात कर रहे हैं, वह पेटा काश्त तकनीक है. ऐसे में आइए खरबूजे की पेटा काश्त तकनीक के बारे में विस्तार से जानते हैं-खरबूजे की खेती में पेटा काश्त तकनीकICAR के द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेटा काश्त तकनीक में संरक्षित जल की सीमित उपलब्धता और उच्च मृदा उर्वरता के कारण खरबूजा फसल में किसी भी प्रकार के उर्वरक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. दरअसल, खेत में खरबूजे की बुवाई के ढाई से तीन महीने के बाद ही उसका फल मंडियों में बिकने के लिए तैयार हो जाता है.

January 31, 2024 06:22 UTC


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