Hindi NewsLocalRajasthanKotaRamgarh Reserve's Buffer Area Will Be The Largest Of The Three Tiger Reserves In The StateAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपइसी महीने सरकार को सौंपेंगे रामगढ़ टाइगर रिजर्व का प्रपोजल: प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व से सबसे बड़ा होगा रामगढ़ रिजर्व का बफर एरियाकोटा एक दिन पहलेकॉपी लिंकटाइगर और अन्य वन्यजीवों के लिए 300 व 200 वर्ग किमी के दो एनक्लोजर भी बनाए जाएंगेबूंदी में प्रस्तावित रामगढ़ टाइगर रिजर्व का बफर जोन प्रदेश के टाइगर रिजर्व में सबसे बड़ा होगा। इसका कुल क्षेत्रफल 1057.22 वर्ग किमी होगा। इसमें 306.57 वर्ग किमी कोर और 750.65 वर्ग किमी का बफर एरिया हाेगा। वहीं मुकंदरा टाइगर रिजर्व का बफर एरिया 342.82 वर्ग किमी, रणथंभाैर का 297.9265 और सरिस्का का बफर जोन 332.23 वर्ग किमी है। हालांकि कुल क्षेत्रफल के लिहाज से रणथंभौर सबसे बड़ा है। ये कुल 1411.291 वर्ग किमी एरिया में है। रामगढ़ टाइगर रिजर्व के मांडू एरिया में 300 वर्ग किमी और रामेश्वर महादेव एरिया में 200 वर्ग किमी का एनक्लाेजर बनेगा। इसमें प्रे-बेस काे लाया जाएगा। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की ओर से इस माह में प्रपाेजल में रही कमियाें काे पूरा कर राज्य सरकार काे साैंप दिया जाएगा।वहीं, दूसरी ओर स्थानीय अधिकारियाें काे भी इस मामले काे लेकर हाल ही में जयपुर बुलवाकर आवश्यक निर्देश दिए हैं। रामगढ़ की खास बात ये होगी कि यहां रणथंभाैर से बाघ खुद आ सकते हैं। इस समय भी टाइगर टी-115 यहां मूवमेंट कर रहा है। इसके एरिया में बूंदी वन मंडल की तीन रेंज में डाबी, हिंडाैली, बूंदी के अलावा भीलवाड़ा के दाे वन खंड शामिल हाेंगे। इसके अलावा आठ गांवाें के स्वैच्छिक रिलाेकेशन भी शामिल है।प्रे-बेस भी लाने की हैं तैयारियांरामगढ़ सेंचुरी के लिए पहले भी सांभर सहित अन्य वन्यजीव प्रे-बेस बढ़ाने के लिए आ चुके हैं। अब यहां प्रे-बेस बढ़ाने की तैयारियां चल रही है। इनमें कैलादेवी सेंचुरी के अलावा अन्य चिड़ियाघर से वन्यजीव लाए जाएंगे।पहले भी आ चुके हैं यहां बाघरणथंभाैर में बढ़ते बाघाें के प्रेशर के कारण रामगढ़ में पहले भी बई बाघ आ चुके हैं। ये रणथंभौर से नेचुरल कॉरिडोर से जुड़ा है। अभी यहां टाइगर टी-115 मूवमेंट कर रहा है। साथ ही यहां पहले भी एमटी-1 आया था। जिसे मुकंदरा में शिफ्ट किया था।रिजर्व में मेज नदी से हर समय मिलेगा बाघाें काे पेयजलरामगढ़ एरिया से निकल रही मेज नदी में सालभर बाघाें काे पेयजल की उपलब्धता है। साथ ही यहां की कंदराओं में बाघाें के लिए गर्मी में विशेष सुकुन भरी स्थिति रहेगी। साथ ही बारिश के नालाें में सालभर पानी भरा रहता है।^रामगढ़ का जाे एरिया फाइनल करना है, उसमें जाे कुछ कमियां थी। इस संबंध में अधिकारियाें काे बता दिया है। एरिया काे ठीक से सलेक्ट करने में पूर्ण सावधानी बरतते हुए जाे उपयुक्त स्थल हाे उसी काे शामिल करने के लिए संशाेधन किया जाए ताे सर्वाधिक उपयुक्त हाे।- एमएल मीना, पीसीसीएफ जयपुरअब एनटीसीए की एक्सपर्ट टीम तैयार करेगी फिजिबिलिटी रिपोर्टरामगढ़ सेंचुरी की ओर से इसके प्रपाेजल बनाकर और उनकी बारीकी से स्टडी और स्थानीय लाेगाें की सहमति और जिला प्रशासन की सहमति से टाइगर रिजर्व के प्रस्ताव चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन काे भिजवाए जाएंगे। यहां से येे प्रपाेजल सरकार काे भेजा जाएगा। सरकार के स्तर इसकी जांच हाेने के बाद नियमानुसार एनटीसीए काे भिजवाया जाएगा। एनटीसीए में इसके लिए एक्सपर्ट कमेटी प्रस्तावित टाइगर रिजर्व की स्टडी करेगी।एनटीए अधिकारी, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एक्सपर्ट से लेकर रिटायर्ड फाॅरेस्ट सेवा अधिकारी सहित अन्य एक्सपर्ट इस टीम में शामिल हाेंगे। यह टीम एरिया की विजिट कर फिजिबिलिटी रिपाेर्ट एनटीसीए काे साैंपेंगी। इस रिपाेर्ट में खामियां पर राज्य सरकार काे इसकी पूर्ति करवाने के लिए वापस रिपाेर्ट आएगी।यह रिपाेर्ट चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन संबंधित एरिया के फिल्ड डायरेक्टर और डीसीएफ काे फिर से भिजवाकर पूर्ति करवाएंगे। इसके कंप्लीट हाेने के बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डर्न के माध्यम से राज्य सरकार काे भेजेंगे। राज्य सरकार की ओर से इसकी जांच के बाद एनटीसीए काे फाइनल प्रपाेजल भिजवाएंगे। एनटीसीए की हरी झंडी के बाद राज्य सरकार की ओर से राज्यपाल की आज्ञा से शासन सचिव की ओर से एक नाेटिफिकेशन जारी हाेगा।
Source: Dainik Bhaskar February 10, 2021 23:03 UTC