खास बातें आईआईटी कानपुर के छात्रों ने फैज का तराना गाया था पाकिस्तान के महान शायर थे फैज अहमद फैज तानाशाह जियाउल हक के खिलाफ लिखी गई थी नज्मआईआईटी कानपुर जांच करेगा कि क्या उर्दू के महान शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का मशहूर तराना “लाज़िम है कि हम भी देखेंगे, वो दिन कि जिसका वादा है” हिंदू विरोधी है? जामिया के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई पर देश भर के छात्रों में तीखी प्रतिक्रियाएं हुईं. आईआईटी कानपुर के छात्रों ने जामिया के छात्रों से एकजुटता ज़ाहिर करने को जुलूस निकाला जिससे पहले उन्होंने फ़ैज़ का तराना गया…''हम देखेंगे…लाज़िम है कि हम भी देखेंगे.”इसके खिलाफ आईआईटी से जुड़े दो लोगों ने शिकायत की, जिस पर जांच बिठा दी गई है. जांच के तीन विषय हैं, पहला दफा 144 तोड़कर जुलूस निकालना, दूसरा सोशल मीडिया पर छात्रों की पोस्ट और तीसरा यह कि क्या फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म हिंदू विरोधी है? आईआईटी के छात्रों का कहना है कि जिस शख्स की शिकायत पर उन पर जांच बिठाई गई है, ट्विटर उस पर कम्युनल पोस्ट डालने के लिए बैन लगा चुका है.
Source: NDTV December 31, 2019 15:56 UTC