Dainik Bhaskar Jun 13, 2019, 08:13 PM ISTगगनयान मिशन के तहत भारत 2022 तक अपने अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा में भेजेगाइसरो चीफ डॉ. सिवन ने कहा- भारत का स्पेस स्टेशन 20 टन वजनी होगाभारत के स्पेस स्टेशन में एस्ट्रोनॉट्स 15 से 20 दिन तक रह सकेंगेअभी सिर्फ दो स्पेस स्टेशन हैं, पहला- आईएसएस और दूसरा- चीन का तियांगोंग-2नई दिल्ली. इसरो गगनयान मिशन के बाद भारत का स्पेस स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम करेगा। गगनयान मिशन के तहत भारत 2022 तक पहली बार एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसके बाद 2030 तक स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की तैयारी करेगा। इसरो चीफ डॉ. के सिवन ने गुरुवार को बताया कि हमें मानव अंतरिक्ष मिशन के बाद गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा, लेकिन हम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का हिस्सा नहीं होंगे।सिवन ने बताया कि हमारा स्पेस स्टेशन छोटा होगा। हम एक मॉड्यूल लॉन्च करेंगे। इसका उपयोग माइक्रोग्रैविटी एक्सपेरिमेंट में किया जाएगा। इसका वजन लगभग 20 टन होगा। इसके लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसकी योजना पर 5 से 7 वर्ष काम होगा।अभी सिर्फ आईएसएस पूरी तरह काम कर रहाअमेरिका और रूस ने साझा प्रोजेक्ट के तौर पर 1998 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) बनाया था। बाद में जापान, कनाडा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी इसके निर्माण में जुड़ गए। अभी यह पूरी तरह काम कर रहा इकलौता स्पेस स्टेशन है। इसके ज्यादातर कंट्रोल्स और मॉड्यूल्स का खर्च अमेरिका ही उठाता है। 18 देशों के 230 लोग आईएसएस में जा चुके हैं। यह धरती से लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह 28 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से घूमता है।तीसरा स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा चीनचीन दो स्पेस स्टेशन लॉन्च कर चुका है। उसने 2011 में अपना पहला स्पेस स्टेशन तियांगोंग-1 लॉन्च किया था। इसे दो साल के लिए तैयार किया गया था। यह 1 अप्रैल 2018 को धरती पर गिरकर नष्ट हो गया। चीन ने 2016 में तियांगोंग-2 लॉन्च किया। हालांकि, पश्चिमी देश इसे स्पेस स्टेशन कम और स्पेस लैबोरिटी ज्यादा मानते हैं। तियांगोंग-2 अभी भी मौजूद है। चीन 2022 तक तियांगोंग-3 को लॉन्च करने की भी योजना बना रहा है।
Source: Dainik Bhaskar June 13, 2019 10:30 UTC