प्लेन हाईजैक की अफवाहें उड़ाने वालों के बारे में आपने कई बार सुना होगा, लेकिन ऐसा करना दक्षिण मुंबई के एक कारोबारी को बेहद भारी पड़ा है। देश में नए बने कड़े ऐंटी-हाइजैकिंग लॉ के तहत पहली बार कारोबारी बिरजू सल्ला को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और 5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा है। सल्ला से वसूले गए इस जुर्माने को प्लेन के क्रू मेंबर्स और यात्रियों में बांटा जाएगा। पायलट्स को 1-1 लाख, 2 फ्लाइट अटेंडेट्स को 50-50 हजार, जबकि हर यात्री को 25 हजार दिए जाएंगे। मंगलवार को नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने बिरजू सल्ला को इस नए कानून के तहत सजा सुनाई।ऐंटी हाइजैकिंग ऐक्ट, 2016 के तहत बिरजू सल्ला को यह सजा सुनाई गई। बिरजू ने अक्टूबर, 2017 में मुंबई-दिल्ली के बीच जेट एयरवेज की फ्लाइट के शौचालय में हाइजैक की धमकी वाला लेटर डाल दिया था। इस लेटर में कहा गया था कि हाइजैकर्स प्लेन में ही हैं और विमान को सीधे पीओके ले जाया जाए। यही नहीं लेटर में कहा गया था कि यदि विमान को कहीं और उतारने की कोशिश की गई तो लोगों को मार दिया जाएगा। प्लेन के कार्गो एरिया में बम प्लांट होने की धमकी दी गई थी।इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट के जज एम.के. दवे ने कहा कि सल्ला पर 5 करोड़ रुपये का फाइन भी लगाया। इसी रकम में से फ्लाइट के पायलट और को-पायलट को भी 1-1 लाख रुपये दिए जाएंगे।बिरजू सल्ला से वसूले गए जुर्माने से दो फ्लाइट अटेंडेट्स को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा विमान में सवार हर यात्री को भी 25-25 हजार रुपये की रकम दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि सल्ला पर यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है कि क्योंकि उसके धमकी भरे पत्र के चलते क्रू मेंबर्स और यात्रियों को भीषण मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा।ऐंटी-हाइजैकिंग ऐक्ट के तहत इतनी कड़ी सजा पाने वाले सल्ला पहले शख्स हैं। इसके अलावा वह पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल किया गया। यही नहीं मामले की सुनवाई के दौरान डेढ़ साल तक कैद में रहने पर उन्होंने 10 बार बेल के लिए अप्लाई किया, लेकिन हर बार उनकी अर्जी खारिज कर दी गई।कोर्ट ने कहा कि सबूतों और गवाहों के बयानों से साबित होता है कि सल्ला ने पहले से ही पूरी प्लानिंग बना ली थी। इसके चलते अब उसे अपनी बाकी बची जिंदगी जेल में ही बतानी पडे़गी।एनआईए ने अपनी चार्जशीट में बताया कि सल्ला की महिला मित्र जेट एयरवेज में एंप्लॉयी थी और उसने उसके साथ रहने से इनकार कर दिया था। सल्ला ने सोचा कि इस तरह के लेटर से एयरलाइन कंपनी अपना काम बंद कर देगी और महिला की जॉब चली जाएगी।कोर्ट के सामने सबसे पुख्ता सबूत सल्ला के लैपटॉप पर मिला लेटर था। इसे उसने इंग्लिश में लिखा था, लेकिन फिर गूगल ट्रांसलेटर की मदद से इनका उर्दू में अनुवाद किया।पेशे से जूलर बिरजू 30 अक्टूबर 2017 को मुंबई से दिल्ली जा रही फ्लाइट के बिजनस क्लास में सफर कर रहा था, जब उसने यह हरकत की थी। फ्लाइट की लैंडिंग के बाद मामले में केस दर्ज किया गया और सल्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली।ऐंटी-हाइजैकिंग ऐक्ट, 1982 के संशोधन का प्रस्ताव 2016 में आया था और 2017 में इसे सदन की मंजूरी मिली थी। नए कानून के मुताबिक प्लेन हाइजैक करने वाले अपराधियों को फांसी या फिर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। इसमें न्यूनतम सजा उम्रकैद की है। यही नहीं अफवाह फैलाने वाले के लिए भी उम्रकैद का प्रावधान है। हाइजैकिंग को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है।
Source: Navbharat Times June 12, 2019 02:57 UTC