पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश होने का अनुमान है। दिल्ली में प्रचंड गर्मी का असर बुधवार शाम से ही कम होने लगेगा। बिहार-झारखंड, ओडिशा एवं उत्तर प्रदेश की तरफ मानसूनी हवा तेजी से आगे बढ़ने लगी है। अगले दो-तीन दिनों में बिहार के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश होने लग जाएगी।अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। लंबे इंतजार और बेकरारी के बाद मानसून ने फिर गति पकड़ी है। देश के दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दोनों हिस्सों में चार चक्रवातीय स्थिति बन चुकी हैं, जहां से बड़ी मात्रा में नमी लेकर हवा आगे बढ़ रही है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि नमी युक्त हवा सप्ताहभर के भीतर उत्तर-पश्चिम के एक बड़े हिस्से को बारिश से सराबोर कर सकती हैं।मानसून की चाल बेमिसालनिजी एजेंसी स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने एक ब्रेक के बाद मानसून की चाल को बेमिसाल बताया है, जो हफ्ते भर में व्यापक विस्तार की ओर अग्रसर है। मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले दो दिनों तक बंगाल एवं उत्तरी असम में बहुत भारी वर्षा जारी रह सकती है। तीन-चार दिनों के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और बंगाल के मैदानी इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल दिख रही हैं।अगले पांच दिनों के दौरान बिहार, झारखंड एवं ओडिशा में गरज के साथ बारिश हो सकती है। हवा की गति 30-40 किमी प्रतिघंटे रह सकती है। किसी-किसी क्षेत्र में भारी वर्षा भी हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि सेंट्रल पाकिस्तान और पंजाब के ऊपर चक्रवाती हवा का क्षेत्र बन रहा है। वहां से एक निम्न दबाव की रेखा हरियाणा तक आएगी।इसके असर से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम करवट लेगा। अगले दो दिन इन सभी जगह धूल भरी आंधी चलने, गर्जन वाले बादल बनने, बिजली चमकने और कहीं तेज, कहीं हल्की वर्षा होने का पूर्वानुमान है। इससे गर्मी से राहत रहेगी। तापमान में भी तीन चार डिग्री की गिरावट आने के आसार हैं।इन राज्यों में बारिश के आसारपश्चिम में दो चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। पहला अफगानिस्तान के ऊपर और दूसरा अरब सागर में सौराष्ट्र के पास। अफगानिस्तान में सक्रिय विक्षोभ मंगलवार से ही सक्रिय हो चुका। इसके चलते अगले चार दिन जम्मू-कश्मीर-लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड में तथा 20 जून तक पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ मध्यम वर्षा होने की संभावना है।वैसे इसका असर अभी से दिखने भी लगा है। बढ़ते तापमान में कुछ कमी आने लगी है। कहीं-कहीं बारिश भी होने लगी है। आईएमडी का मानना है कि दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में तेज हवा चलेगी, जिसकी गति 25-30 किमी प्रति घंटा रह सकती है। इसके असर से एनसीआर का तापमान भी कम होने लगेगा। निजी एजेंसी स्काईमेट का अनुमान है कि 22 जून तक बिहार-झारखंड और 26 से 27 जून तक मानसून पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मानसून पहुंच जाएगा। फिर दिल्ली भी दूर नहीं रहेगी।असम में बाढ़ का खतरापूर्वी क्षेत्र में असम के ऊपर सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर चलने वाली हवा में गति आई है। पूर्वोत्तर इलाके में अभी तेज हवा चल रही है। पांच दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम एवं त्रिपुरा के साथ बंगाल में वर्षा के साथ 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से मानसूनी हवा आगे बढ़ सकती है। असम में बाढ़ की भी आशंका है।एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण आंध्र प्रदेश से सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में स्थित है। इसके प्रभाव से गुजरात, गोवा, मध्य महाराष्ट्र एवं मराठवाड़ा में बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने ग्वालियर संभाग को छोड़कर संपूर्ण मध्य प्रदेश में भी मानसून के सक्रिय होने का अनुमान जारी किया है। इन क्षेत्रों में 40-60 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चल सकती है और वर्षा हो सकती है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी आशंका है।
Source: Dainik Jagran June 18, 2024 22:24 UTC