महाराष्ट्र में वोट डालने निकले फिल्मी सितारे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। आम लोगों, दिग्गज नेताओं समेत फिल्मी सितारे भी कतार में लगकर मतदान कर रहे हैं। मशहूर ऐक्ट्रेस माधुरी दीक्षित ने भी मतदान किया है।ऐक्ट्रेस जेनेलिया देशमुख ने लातूर सीट के पोलिंग बूथ पर मतदान किया।ऐक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरी ने अंधेरी पश्चिम सीट के एक पोलिंग बूथ पर मतदान किया।ऐक्टर आमिर खान ने बांद्रा पश्चिम विधानसभा सीट पर मतदान किया।भोजपुरी स्टार और गोरखपुर लोकसभा सीट से सांसद रविकिशन ने मुंबई की गोरेगांव विधानसभा सीट के लिए वोट डाला है।टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति भी पत्नी लारा दत्ता के साथ मतदान करने पहुंचे।मशहूर गीतकार गुलजार भी मतदान के लिए पहुंचे।गीतकार प्रसून जोशी भी मतदान के लिए निकले।मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो ने भी लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लिया।आरएसएस के मुख्यालय वाले शहर नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने वोट डाला। इस दौरान उन्होंने जनता से मुद्दों को ध्यान में रख वोटिंग की अपील भी की।केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी सुबह ही पत्नी के साथ वोटिंग के लिए पहुंचे।सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मां और पत्नी अमृता संग मतदान के लिए पहुंचे।एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने बारामती में मतदान किया। यहां उनके चचेरे भाई अजित पवार चुनाव मैदान में हैं।पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पत्नी और बेटी के साथ मतदान करने पहुंचे।नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल भी पत्नी संग मतदान के लिए पहुंचे।महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग जारी है। एक तरफ बीजेपी और शिवसेना दोबारा सत्ता में लौटने की कोशिश में हैं तो विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी को वनवास खत्म होने की उम्मीद है। सीएम देवेंद्र फडणवीस की लीडरशिप में लड़ रही बीजेपी ने 164 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारे हैं। इनमें से कुछ प्रत्याशी गठबंधन के छोटे दलों के भी हैं, जिन्हें बीजेपी ने अपने सिंबल पर टिकट दिया है। शिवसेना को 124 सीटें मिली हैं। इसके अलावा विपक्षी गठबंधन की बात करें तो कांग्रेस 147 और एनसीपी 121 सीटों पर लड़ रही है।यह इलेक्शन बताएगा कि आखिर आम चुनाव के बाद महाराष्ट्र के मतदाताओं का मूड कुछ बदला है या नहीं।बीजेपी-शिवसेना सरकार की ओर से मराठा समुदाय को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन दिए जाने का असर दिख सकता है। सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों को रिजर्वेशन के बाद बीजेपी का यह बड़ा फैसला था। इससे पार्टी को ओबीसी और ब्राह्मण समुदाय के अलावा समूहों में भी पैठ बनाने में मदद मिल सकती है।जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने के मुद्दे को बीजेपी ने लगभग हर रैली में उठाया है। हालांकि विपक्षी दलों ने इसे मुद्दों से भटकाने की बीजेपी की कोशिश करार दिया है। ऐसे इलाकों में जहां स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी नहीं हैं, वहां बीजेपी इसका लाभ उठा सकती है।महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक और सिंचाई घोटाले के मामले में एनसीपी नेताओं पर आरोप लगे हैं। इस मुद्दे को पीएम मोदी भी जोर-शोर से उठाते रहे हैं। भले ही अदालतों के फैसले अभी नहीं आ सके हैं, लेकिन यह चुनाव का अहम मुद्दा जरूर बना हुआ है।महाराष्ट्र में अब भी किसानों की आत्महत्या एक बड़ा मुद्दा है। 2015 से 2019 के बीच बीते 4 सालों में 12,000 किसानों ने जान दी है। मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिमी महाराष्ट्र में कृषि संकट बड़ा मुद्दा है। ऐसे में यह बीजेपी-शिवसेना के खिलाफ भी जा सकता है।पीएम किसान सम्मान निधि के तहत केंद्र सरकार ने हर साल किसानों को 6000 रुपये दिए जाने की योजना शुरू की है। इसके अलावा शौचालय और आवास योजना ने भी गांवों में कुछ हद तक अपना असर दिखाया है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में इन स्कीमों के आधार पर भी वोटिंग हो सकती है।भले ही पूरे कार्यकाल में सीएम देवेंद्र फडणवीस गठबंधन सहयोगी शिवसेना के सवालों से जूझते रहे, लेकिन जटिल मुद्दों से सरलता से निपटने में उन्होंने सफलता पाई है। मुंबई-नागपुर सुपर हाईवे और मेट्रो के विस्तार जैसी योजनाएं उनके पक्ष में जा सकती हैं। हालांकि नौकरियों के अवसर पैदा न कर पाने जैसे मुद्दे उनके खिलाफ भी जा सकते हैं।
Source: Navbharat Times October 21, 2019 04:52 UTC