GST Council ने वैक्सीन पर टैक्स रेट में नहीं किया कोई बदलाव, Covid से जुड़ी राहत सामग्रियों पर छूट 31 अगस्त तक बढ़ाईवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दे रही है। काउंसिल की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। GST Council ने शुक्रवार को कोविड-19 वैक्सीन और मेडिकल सप्लाई पर जीएसटी की दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया। हालांकि, ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल दवा पर आयात शुल्क में छूट देने का निर्णय किया। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद संवाददाताओं को प्रमुख फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि वैक्सीन और मेडिकल सप्लाई पर टैक्स स्ट्रक्चर पर मंत्रियों का समूह फैसला करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यह बैठक हुई। इसमें विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर एवं केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।जीएसटी काउंसिल की बैठक में ये अहम फैसले किए गएःसीतारमण ने कहा कि परिषद ने विदेशों से आयातित Free COVID-19 Supply पर I-GST में छूट देने का फैसला किया गया है।अपने संबोधन की शुरुआत में FM Nirmala Sitharaman ने बताया कि GST Council की बैठक में Covid महामारी को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और इसमें 7 अहम फैसले लिए गए।वित्त मंत्री के मुताबिक Free कोविड से जुड़ी सप्लाई पर IGST में 31 अगस्त, 2021 तक छूट दी गई है।सीतारमण ने कहा कि ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए Amphotericin B को भी एक्जेम्शन लिस्ट में शामिल किया गया है।Due to rising cases of black fungus, Amphotericin B has also been included in the exemptions list: FM Nirmala Sitharaman after 43rd GST Council meet pic.twitter.com/5MnmXgAMww — ANI (@ANI) May 28, 2021 FM Nirmala Sitharaman ने कहा कि बैठक में Covid 19 से जुड़े मेडिकल सामान पर फैसला बाद में होगा। इनमें कोरोना वैक्सीन, दवा को टैक्स के दायरे से बाहर रखने का फैसला फिलहाल नहीं हो पाया।सीतारमण ने कहा, ''मैंने मंत्रियों के एक समूह के जल्द गठन को लेकर फैसला किया है और इस बात का ऐलान काउंसिल की बैठक में किया है। काउंसिल 10 दिन में या आठ जून या उससे पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर अगर रेट में और कटौती की जरूरत महसूस की जाती है तो इस बाबत निर्णय किया जाएगा।''वित्त मंत्री ने कहा, ''छोटे एवं मझोले करदाताओं के अनुपालन से जुड़ी अनिवार्यताओं में कमी आज के सबसे बड़े फैसलों में शामिल है। विलंब शुल्क, एमनेस्टी से जुड़े मामलों पर भी फैसला किया गया। छोटे करदाताओं को राहत मुहैया कराने के लिए इन मामलों में लेट फीस को कम करने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम की सिफारिश की गई है।''सीतारमण ने कहा कि विलंब शुल्क को तर्कसंगत बनाया गया है। तर्कसंगत बनाई गई लेट फीस और छोटे करदाताओं के लिए लेट फीस की अधिकतम राशि में कमी का फैसला भविष्य के टैक्स पीरियड से प्रभावी होगा। इससे छोटे करदाताओं को दीर्घकालिक राहत मिलेगी।सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने इसस बात का फैसला किया है कि केंद्र 1.58 लाख करोड़ रुपये की उधारी लेगी और राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में इसका भुगतान करेगी।उन्होंने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति को पांच साल की अवधि (2022) बाद जारी रखने पर फैसला करने के लिए परिषद के एक विशेष सत्र का आयोजन जल्द होगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दो करोड़ रुपये से कम के सालाना टर्नओवर वाले छोटे टैक्सपेयर्स के लिए वित्त वर्ष 2020-21 का वार्षिक रिटर्न भरना वैकल्पिक होगा। वहीं, पांच करोड़ रुपये या उससे ज्यादा के सालाना टर्नओवर वाले टैक्सपेयर्स को ही वित्त वर्ष 2020-21 का रिकॉन्सिलिएशन स्टेटमेंट दाखिल करना होगा।One of the biggest decisions today is reduction of compliance burden of small taxpayers&medium-sized taxpayers. Late fee, Amnesty-related matters also decided upon. To provide relief to small taxpayers,an Amnesty scheme recommended for reducing late fee payable in these cases: FM pic.twitter.com/G0MC0wCnz0 — ANI (@ANI) May 28, 2021शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
Source: Dainik Jagran May 28, 2021 13:38 UTC