लापरवाही की इंतेहा पुलिस और वन स्टॉप सेंटर ने कल्याण समिति के नोटिस को भी हवा में उड़ायाDainik Bhaskar Jul 18, 2019, 03:17 PM ISTग्वालियर। नाबालिग होने के संदेह में पहले पुलिस हिरासत और फिर वन स्टॉप सेंटर के कब्जे में 9 दिन गुजारने के बाद भी एक दुल्हन न अपनी ससुराल के सुपुर्द की गई है और न ही मायके के। महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों की नासमझी के कारण इस दुल्हन को बाल कल्याण समिति के सामने भी पेश नहीं किया जा रहा है। जेजे एक्ट के तहत किसी भी नाबालिग को पकड़े जाने के 24 घंटे के भीतर इस समिति के समक्ष पेश करना होता है। पुलिस और वन स्टॉप सेंटर के अफसरों ने तो बाल कल्याण समिति के नोटिस को भी अनदेखा कर दिया है।महाराजपुरा क्षेत्र के बहादुरपुर निवासी एक किसान की बेटी पिछले 9 दिनों से प्रशासन के अफसरों की नासमझी और अनदेखी के कारण अपने परिवार से दूर है। विवाह के अगले ही दिन 8 जुलाई को उसे पुलिस ने नाबालिग होने के संदेह में विदाई से पहले हिरासत में ले लिया था। बाद में उसे वन स्टॉप सेंटर के सुपुर्द कर दिया गया था। अभी तक उसकी उम्र का पता लगाने के लिए उसे मेडिकल बोर्ड के सामने पेश नहीं किया जा सका।इस प्रक्रिया में महिला सशक्तिकरण विभाग के अफसरों की गंभीर लापरवाही भी सामने आई है। उन्होंने जेजे एक्ट का पालन भी नहीं किया है। एक्ट में ऐसे मामलों की जानकारी तत्काल बाल कल्याण समिति को देने का प्रावधान है। समिति ने अखबारों की खबरों से संज्ञान लेते हुए महाराजपुरा थाना प्रभारी और वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक को 11 जुलाई को पत्र भेजकर बाल विवाह की पीड़िता को समिति के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए थे। लेकिन दोनों ने ये निर्देश हवा में उड़ा दिए। हैरत की बात यह है कि इस दुल्हन को प्रशासन ने कोर्ट में भी पेश नहीं किया है।यह सही है कि नाबालिग को 24 घंटे के अंदर सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश करना होता है, लेकिन इस मामले में अभी तक आयु संबंधी कोई प्रमाण नहीं है। जिससे यह पता लग सके कि वह बालिग है या नाबालिग। आयु का पता लगाने के लिए मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जानी है। शालीन शर्मा, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी
Source: Dainik Bhaskar July 18, 2019 09:45 UTC