वतन वापसी / पाकिस्तानी की कैद से पूरे साल बाद मिली आजादी, जहाज से उतरी तो फूट पड़ी - News Summed Up

वतन वापसी / पाकिस्तानी की कैद से पूरे साल बाद मिली आजादी, जहाज से उतरी तो फूट पड़ी


जुलाई 2018 में कुवैत गई थी महिला, ट्रैवल एजेंट ने वहां पाक नागरिक को 1200 दिनार में बेच दिया थामहिला की वापसी के लिए परेशान था परिवार, 21 मई 2019 को पति की हार्टअटैक से हो गई थी मौतसांसद सनी देओल और जिला लीगल सर्विस ऑथोरिटी की कोशिशों से मिली सफलताDainik Bhaskar Jul 26, 2019, 08:21 PM ISTगुरदासपुर. गुरदासपुर की वीना को पाकिस्तानी की कैद से पूरे एक साल के बाद आजाद होने का मौका मिला। शुक्रवार को वह अपनी सरजमीं पर लौट आई। असल में जुलाई 2018 में वह परिवार की आर्थिक हालत ठीक करने के मकसद से कुवैत गई थी, लेकिन वहां ट्रैवल एजेंट ने उसे 1200 दिनार में एक पाकिस्तानी नागरिक के हाथों बेच दिया। अब भारत सरकार ने 1200 दिनार चुकाकर इस महिला को छुड़वाया है। आज जब वह दिल्ली एयरपोर्ट पर जहाज से उतरी तो उसके और उसके बच्चों के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।4 बजकर 45 मिनट पर जहाज दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। वीना के तीनों बच्चे (बेटे रोहित-मोहित और बेटी स्मृद्धि) एयरपोर्ट पर अपनी मां को देखने के लिए उतावले थे। 5 बजकर 15 मिनट पर वीना एयरपोर्ट से बाहर आई तो देखते ही तीनों उसके गले लग गए और जोर-जोर से रोने लगे। बच्चों का रोना देखकर वीना भी अपने आप को नहीं रोक पाई। बच्चे बार-बार अपनी मां के गले लग रहे थे।रास्ते में बिगड़ी वीना की तबीयत :मिली जानकारी के अनुसार साढ़े 6 बजे हुए दिल्ली से रवाना वीना और उसका परिवार लीगल ऑथोरिटी के साथ गुरदासपुर के लिए रवाना हुए। काफी समय बाद परिवार से मिलने की खुशी में होने के कारण वीना की तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते जिला ऑथोरिटी की सचिव जज राणा कंवरदीप कौर ने हालातों को समझते हुए वीना का मोहाली में चेकअप करवाकर उसे दवा दिलवाई। कुछ देर आराम करने के बाद उसे हाईकोर्ट ले जाया गया जहां वीना की काउंसलिंग की गई।आर्थिक सहायता के लिए दिया 1 लाख का चेकजस्टिस रूपिन्दर जीत चाहल ने वीना को आर्थिक सहायता करते हुए 1 लाख रुपये का चेक भेंट किया। उन्होंने वीना से बातचीत भी की। लीगल अथारिटी की ओर से यह सारी कार्रवाई पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं ऑथोरिटी के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस राकेश कुमार जैन जज पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के नेतृत्व में की गई है। जज रुपिन्दरजीत चाहल ने बताया कि वीना को 1 लाख रुपए का मुआवजा पंजाब विक्टिम कंपनसेशन स्कीम 2017 के तहत स्टेट ऑथोरिटी द्वारा दिया गया है। वीना को सदमे से उभारने के लिए कौंसलर का प्रबंध भी किया गया है।कुवैत में न पैसे मिले, न परिजनों से संपर्क हो पा रहा थामहिला के बच्चे रोहित, मोहित और स्मृधि ने बताया कि उनके पिता सुरिन्दर बेदी बिजली विभाग में नौकरी करते थे। उन्होंने कर्ज लेकर घर बनाया था। परिवार के खर्च के लिए पति का हाथ बंटाने के लिए उनकी मां वीना ने विदेश में हाउसकीपिंग का काम करने का मन बनाया। इसे लेकर अमृतसर के गांव खलयिसां के ट्रैवल एजेंट मुख्तयार सिंह के जरिए वह जुलाई-2018 को कुवैत चली गई, लेकिन केवल पहले महीने का वेतन भेजने के बाद न तो पैसे आए और न ही उनसे फोन पर बात हुई। एक बार मां से फोन पर केवल दो मिनट के लिए बात हुई, जिसमें उन्होंने उसे वापस भारत लाने का इंतजाम करने के लिए कहा और हालत के बारे में बताया।ट्रैवल एजेंट ने पैसे लिए, लेकिन वापस नहीं भेजाइसके बाद महिला के पति सुरिन्दर ने पत्नी वीना को वापस लाने के लिए ट्रैवल एजेंट से बात की, लेकिन एजेंट ने उनसे वीना को वापस लाने के लिए पैसे तो ले लिए, लेकिन वीना को वापस नहीं लाया। रोहित ने बताया के इसी परेशानी की हालत में उनके पिता सुरिन्दर की 21 मई 2019 को हार्ट अटैक से मौत हो गई। उसके बाद अब तीनों बच्चे अपनी मां वीना को कुवैत से वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं।काफिला सिस्टम की भेंट चढ़ गई थी वीनाजिला लीगल सर्विस ऑथोरिटी की सचिव जज राणा कंवरदीप कौर ने बताया कि वीना बेदी काफिला सिस्टम की भेंट चढ़ गई थी। इसके तहत बहरीन, ईराक, जार्डन, लैबनान, कुवैत, ओमान, कतर, सउदी अरब और यूएई में घरेलू वर्कर्स को शोषण का शिकार होना पड़ता है। वर्कर न तो अपने काम से त्याग पत्र दे सकते हैं, न काम बदल सकते हैं। न ही उन्हें काम पर रखने वाले की आज्ञा के बिना वापस आ सकते हैं। कुवैत स्थित अंबैसी ऑफ इंडिया के सेकंड सेक्रेटरी सिबी यूएस ने जिला लीगल सर्विस अथाॅरिटी सचिव को वीना बेदी के 26 जुलाई को लौटने की जानकारी दी है।सनी ने कुवैत की इंडियन अंबैसी को लिखा था पत्रमामला सामने आने पर एडवोकेट कमल किशोर अत्री और पीएलवी (पैरा लीगल वाॅलंटियर) रणयोध सिंह बल ने इस परिवार से संपर्क किया। इसके बाद जिला लीगल सर्विस अथाॅरिटी ने एनजीओ शहीद भगत सिंह यूथ क्लब कुवैत और कुवैत में इंडियन अंबैसी के साथ संपर्क किया। इंडियन अंबैसी ने पाकिस्तानी शख्स को 1200 दिनार देकर वीना बेदी को छुड़वाया। उन्होंने बताया कि इसमें सांसद सनी देओल की भूमिका भी सराहनीय रही है। सांसद देओल ने कुवैत की इंडियन अंबैसी को पत्र लिखे थे। इसका अच्छा रिस्पाॅन्स रहा।


Source: Dainik Bhaskar July 26, 2019 14:48 UTC



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