लखनऊ / हाइकोर्ट ने प्रमुख सचिव को स्पष्टीकरण देने के लिए दिया आखिरी मौका, 24 फरवरी को होगी अगली सुनवाई - News Summed Up

लखनऊ / हाइकोर्ट ने प्रमुख सचिव को स्पष्टीकरण देने के लिए दिया आखिरी मौका, 24 फरवरी को होगी अगली सुनवाई


प्रदेश की 821 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने के मामले में अदालत ने अपनाया सख्त रवैयाअवमानना नोटिस पर जवाब देते हुए प्रमुख सचिव ने आश्वासन दिया कि 6 दिसम्बर 2019 के आदेश का अनुपालन करा दिया जाएगाDainik Bhaskar Feb 19, 2020, 11:18 AM ISTलखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश की 821 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने के मामले में प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण को स्पष्टीकरण देने के लिए आखिरी मौका दिया है। न्यायालय ने प्रमुख सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी व अपर निदेशक मेडिकल केयर डॉ. राकेश कुमार को अगली सुनवाई पर भी तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।यह आदेश जस्टिस पी के जायसवाल व जस्टिस के एस पवार की बेंच ने आनंद कुमार श्रीवास्तव की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर दिया। याचिका में प्रदेश के अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत बनाए जाने के लिए आवश्यक आदेश जारी किये जाने की मांग की गई है।याचिका पर जवाब देते हुए निदेशक मेडिकल केयर डॉ. सविता भट्ट की ओर से 27 सितम्बर 2019 को हलफनामा दाखिल कर कहा गया था कि 17 अक्टूबर 2017 के एक शासनादेश के क्रम में 821 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक उपकरण लगाए जा रहे हैं लेकिन यह प्रोजेक्ट काफी बड़ा होने के कारण इसे पूरा होने में तीन माह का समय लग सकता है।न्यायालय की चेतावनी के बाद भी प्रमुख सचिव उपस्थित नहीं हुए थेइस पर न्यायालय ने 6 दिसम्बर 2019 को उक्त शपथ पत्र के क्रम में किये गए अनुपालन की रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। साथ ही न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि जवाब न आया तो प्रमुख सचिव व निदेशक को कोर्ट के समक्ष हाजिर होना होगा। लेकिन 10 जनवरी तक न तो अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की गई है और न ही प्रमुख सचिव उपस्थित हुए। इस पर न्यायालय ने प्रमुख सचिव को तलब कर लियाइसके पश्चात 20 जनवरी को अवमानना नोटिस भी जारी कर दिया। अवमानना नोटिस पर जवाब देते हुए प्रमुख सचिव ने आश्वासन दिया कि 6 दिसम्बर 2019 के आदेश का अनुपालन करा दिया जाएगा लेकिन न्यायालय ने जब उन्हें उक्त आदेश पढकर सुनाया तो उन्होंने अनुपालन करने में असमर्थता जाहिर की। इस पर न्यायालय ने उन्हें आखिरी मौका देते हुए, स्पष्टीकरण तलब किया है।


Source: Dainik Bhaskar February 19, 2020 05:48 UTC



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