राहत / 20 राज्यों में शुरू हुई 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' स्कीम, 67 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा - News Summed Up

राहत / 20 राज्यों में शुरू हुई 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' स्कीम, 67 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा


योजना की शुरुआत पिछले साल 9 अगस्त से हुई थीमार्च 2021 तक यह योजना में देशभर में लागू हो जाएगी85 फीसदी आधार कार्ड पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से जुड़ चुके हैंदैनिक भास्कर Jun 01, 2020, 11:47 AM ISTनई दिल्ली. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'एक देश एक राशन कार्ड' योजना 1 जून से 20 राज्यों में लागू हो गई है। 1 जून से योजना में तीन और राज्य ओडिशा, सिक्किम और मिजोरम जुड़ गए हैं। इसके साथ ही उन राज्यों की संख्या 20 हो जाएगी जहां ये योजना लागू हो चुकी है। इस स्कीम का फायदा उन राशन कार्ड धारकों को होगा जो दूसरे राज्यों में नौकरी करते हैं। राशनकार्ड धारक देश के किसी भी हिस्से की सरकारी राशन दुकान से कम कीमत पर अनाज खरीद सकेंगे।इस स्कीम से अभी 67 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। इन राज्यों के जुड़ने के बाद उन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कुल संख्या 23 हो गई है, जहां ये योजना लागू है। मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्य पहले ही योजना से जुड़ चुके हैं।उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने दी जानकारीउपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट कर इस विषय में जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ''81 करोड़ NFSA लाभुकों को देशभर में कहीं से भी राशन प्राप्त करने की सुविधा मुहैय्या कराने वाली महत्त्वाकांक्षी योजना वन नेशन वन राशनकार्ड , मोदी 2.0 सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 1 जून तक 20 राज्य इससे जुड़ जाएंगे और मार्च 2021 तक यह देशभर में लागू हो जाएगी।''81 करोड़ NFSA लाभुकों को देशभर में कहीं से भी राशन प्राप्त करने की सुविधा मुहैय्या कराने वाली महत्त्वाकांक्षी योजना #वन_नेशन_वन_राशनकार्ड , मोदी 2.0 सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 1 जून तक 20 राज्य इससे जुड़ जाएंगे और मार्च 2021 तक यह देशभर में लागू हो जाएगी। #1YearofModi2 — Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) May 30, 2020शुरू होगा वन नेशन-वन कार्ड20 राज्यों में राशन कार्ड के लिए 1 जून से वन नेशन-वन कार्ड की योजना पूरी तरह से लागू हो जाएगी। इस स्कीम का ये फायदा होगा कि राशन कार्ड किसी भी राज्य में बना हो, उसका राशन खरीदने के लिए उपयोग दूसरे राज्य में भी हो सकता है. इससे गरीबों को बहुत फायदा होगा। राशन कार्ड धारकों को पांच किलो चावल 3 रुपए किलो की दर से और गेहूं 2 रुपए किलो की दर से मिलेगा। कार्ड दो भाषाओं में - स्थानीय भाषा और हिन्दी या अंग्रेजी में जारी होगा।कार्ड न होने पर भी मिलेगा राशनवित्त मंत्री ने कहा था कि जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी राशन की मदद दी जाएगी। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को इसका फायदा होगा। इसमें 3500 करोड़ रुपए का खर्च होगा। राज्य सरकारों के जरिए इसे कारगर बनाया जाएगा। अगले दो महीने तक यह प्रक्रिया लागू रहेगी।भ्रष्टाचार में आएगी कमीइस योजना से लाभार्थी अब किसी भी एक पीडीएस दुकान से राशन लेने के लिए बाध्य नहीं रहेगा। इससे दुकान मालिकों पर निर्भरता घटेगी और भ्रष्टाचार में कमी भी आएगी। इस स्कीम से सरकार सभी राशन कार्ड के लिए केंद्रीय भंडार बनाकर और उन्हें आधार से जोड़कर फुल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देगी।कैसे काम करेगा नया सिस्टमदेश में योजना को लागू करने के लिए सभी पीडीएस दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जाएंगी। इस योजना के तहत पीडीएस के लाभार्थियों की पहचान उनके आधार कार्ड पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) से की जाएगी। जैसे ही राज्य सभी पीडीएस दुकानों पर पीओएस मशीन की रिपोर्ट देंगे, वैसे ही उन्हें 'एक देश, एक राशन कार्ड' योजना में शामिल कर लियाजाएगा।पिछले साल शुरू हुई थी योजनायोजना की शुरुआत पिछले साल 9 अगस्त से हुई थी। सबसे पहले चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल थे. उस समय योजना को राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का नाम दिया गया था। इसके बाद इसे ही सरकार इन्हे अन्य राज्यों में लागू करने की योजना पर काम कर रही थी।इन राज्यों में अभी नहीं मिलेगा योजना का लाभफिलहाल पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु , असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप और छत्तीसगढ़ में इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़ इन राज्यों को योजना लागू करने के लिए ज़रूरी क़दम जल्द से जल्द पूरा करने को कहा गया है। ताकि ये योजना पूरे देश में लागू हो सके।


Source: Dainik Bhaskar June 01, 2020 03:11 UTC



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