पप्पू सिंह बने अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष, मनोज मिश्रा महासचिव - News Summed Up

पप्पू सिंह बने अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष, मनोज मिश्रा महासचिव


धनबाद झारखंड अभिभावक महासंघ झारखंड प्रदेश की बैठक रविवार को रतिलाल महतो की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सर्वसम्मति से पूर्व की कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग करते हुए नई कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में पप्पू सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है।धनबाद : झारखंड अभिभावक महासंघ झारखंड प्रदेश की बैठक रविवार को रतिलाल महतो की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सर्वसम्मति से पूर्व की कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग करते हुए नई कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में पप्पू सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं मनोज कुमार मिश्रा को महासचिव बनाया गया। कमेटी में वरीय उपाध्यक्ष जग्गू महतो, उपाध्यक्ष मुकेश पांडेय, कोषाध्यक्ष प्रेम कुमार, उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी रतिलाल महतो के अलावा सात मंत्री, पांच उपाध्यक्ष तथा पांच संरक्षक के अलावा कार्यकारिणी के सदस्य बनाए गए हैं। उक्त जानकारी महासंघ के अध्यक्ष पप्पू सिंह ने दी। बैठक में उपस्थित नवनियुक्त सदस्यों ने आवश्यक सहयोग देने का विश्वास जताया। वहीं पप्पू सिंह ने कहा कि छात्र व अभिभावक हित में महासंघ बेहतर कार्य करेगा। अध्यक्ष करते रहे कार्रवाई, बन गई नई कमेटी :इससे पहले अभिभावक महासंघ के पूर्व अध्यक्ष रणविजय सिंह ने महासचिव पर प्रतिबंध लगा दिया था। रणविजय सिंह ने आवश्यक सूचना जारी करते हुए महासचिव मनोज मिश्रा को बिना अनुमति के बैठक बुलाने पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। वहीं किसी प्रकार का पत्र जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। रणविजय सिंह ने इसकी प्रतिलिपि एसडीओ को भी दी थी। तबतक महासंघ के नई कमेटी की घोषणा भी हो गई। कंपनी के कर्मचारियों पर केस क्यों नहीं कर रहा प्रशासन : भाजपाधनबाद : राज्य की हेमंत सरकार जानबूझकर भाजपा के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करवा रही है। सिदरी एसीसी की घटना में भी यह बात सामने आई है। इस मामले में एसडीओ की भी दोहरी भूमिका साफ दिख रही है। उन्होंने अपने बयान में स्वयं कहा है कि धरनार्थी धरना देकर लौट रहे थे। उनके नेता चले गए थे। तभी एसीसी का एक कर्मचारी आया और उसने धरनार्थियों को कुछ कह दिया। इसके बाद वे लोग उग्र हो गए। सवाल उठता है कि जब एसीसी कर्मचारी ने धरनार्थियों को भड़का दिया तो प्रशासन ने उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। उसे चिह्नित क्यों नहीं किया गया।उस पर अभी तक न मुकदमा हुआ है ना मुकदमे में उसका नाम दिया गया है। जबकि जो धरनार्थी समझौता कर चुके थे, प्रशासन की बात पर भरोसा कर धरना समाप्त कर लौट रहे थे, उनके खिलाफ ही कार्रवाई की गई। कहना था भाजपा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष ज्ञानरंजन सिन्हा का। दूरभाष पर उन्होंने कहा कि उपायुक्त इस मामले की गहनता से जांच करें एवं दोषियों पर कार्रवाई करें। एसीसी प्रबंधन प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई हो।डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran December 07, 2020 00:22 UTC



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