पति की शहादत के आठ महीने बाद खुडियाला गांव निवासी महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। दूसरे ही दिन महिला ने अस्पताल में ही दोनों बच्चों के साथ शहीद पति की तस्वीर थामकर कहा था - मैं बस इनके बड़े होने का इंतजार कर रही हूं। इन दोनों को मैं सेना में भेजूंगी। सोशल मीडिया पर इस मां का बयान वायरल हो रहा है। बता दें कि सितंबर, 2017 में जम्मू-कश्मीर के तंगधार सेक्टर में पाकिस्तानी फायरिंग का जवाब देते हुए जोधपुर के ओसियां तहसील के खुडियाला गांव के जवान गणपत राम शहीद हो गए थे।वो दिन भुला नहीं सकती, जब तिरंगे में लिपटे आए थे- शहीद गणपत की पत्नी रूपी कहती हैं, 26 सितंबर 2017 के उस दिन को मैं कभी भुला नहीं सकती जब पति तिरंगे में लिपटकर घर लौटे थे।- जुड़वां बच्चों के जन्म से पहले के आठ महीने मैंने कैसे गुजारे ये मैं ही जानती हूं। एक-एक पल भारी पड़ रहा था।- लेकिन भगवान ने मेरी झोली में एक बेटा और बेटी दी है। मैं बस अब इनके बड़े होने का इंतजार कर रही हूं।- वहीं शहीद की मां बीरोदेवी पोते को छोटा गणपत बताते हुए कहती हैं, मेरा गणपत मेरे पास लौट आया है। पिता पूनाराम भी पोते-पोती से खुश हैं।21 की उम्र में सेना में हुए थे भर्ती- शहीद के पिता का कहना है कि उनका सबसे बड़ा बेटा गणपत 21 साल की उम्र में 8 जून को सेना में भर्ती हुआ था।- 2015 में काफी धूमधाम से उसकी शादी की थी। शहादत के पिछले 4 महीने पहले से गणपत तंगधार सेक्टर में 20 जाट रेजिमेंट में राइफलमैन की पोस्ट पर ड्यूटी कर रहे थे।
Source: Dainik Bhaskar January 09, 2019 07:45 UTC