देशभर में मकर संक्रांति का त्यJanuary 2019 Calendar: नया साल यानी 2019 शुरू हो चुका है। हर साल की तरह इस जनवरी भी आपको मीठा त्योहार ‘मकर संक्रांति’ मिलेगा। देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। देश के अन्नदाता यानी किसान के लिहाज से यह त्योहार प्रतीकात्मक रूप से अहम है। इसी दौरान दक्षिण भारत का खास त्योहार पोंगल भी मनाया जाएगा। इसी वक्त से सूर्य की दिशा उत्तरायण हो जाती है और सर्दी का प्रभाव कम होने लगता है। इसी माह साल की 4 सबसे बड़ी चतुर्थियों में से एक संकष्टी चतुर्थी भी आएगी। उत्तर भारत में इसे ‘तिल चतुर्थी’ भी कहा जाता है। 15 जनवरी से ही प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में अर्द्ध कुंभ भी आरंभ हो जाएगा। यह मार्च तक जारी रहेगा। इसके लिए एक खास बात हम आपको और बता दें क्योंकि ये आपके लिए लाभदायक है। अगर आप पहली बार कुंभ मेला में जा रहे हैं तो Jiophone ने इस कुंभ के लिए एक खास फोन कुंभ जियोफोन (Kumbh Jio Phone) लॉन्च किया है। वैसे, आपको एक जानकारी और देना चाहेंगे। इस साल का पहला दिन ही बहुत शुभ था। इस महीने दो ग्रहण भी हैं। सूर्य ग्रहण बीत चुका है और चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को है। दरअसल, 1 जनवरी 2019 को सफला एकादशी थी। चलिए, आगे जानते हैं कि जनवरी में और कौन से त्योहार हैं? जिनका आपको इंतजार है।मकर संक्रांति से ही होता है ऋतु परिवर्तनमकर संक्रांति का एक और महत्व है जो हमारी दिनचर्या को प्रभावित करता है। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होता है। इससे भारत सहित सूर्य के उत्तरी गोलार्ध क्षेत्र में सूर्य की किरणें सीधी पड़ने से ऋतु परिवर्तन होता है। ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ होने के साथ ही दिन बड़े व रातें छोटी होने लगती हैं। यानी सर्द मौसम धीरे-धीरे विदा होने लगता है। पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमते हुए 72 से 90 साल के बीच में एक डिग्री पीछे हो जाती है। इस कारण से सूर्य का मकर राशि में प्रवेश का समय व दिन बदलते रहते हैं। 2014 से 2016 तक मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई गई, जबकि 2017 व 2018 में यह 15 जनवरी को ही मनी थी। वैसे आपको बता दें कि दक्षिण भारत के कई हिस्सों में यह पर्व पोंगल के रुप में मनाया जाता है।14 जनवरी: (सोमवार) मकर संक्रांति: इस दिन तिल के लेप से स्नान करने के बाद सूर्य की पूजा की जाती है।15 जनवरी: (मंगलवार) पोंगल, उत्तरायण, खिचड़ी पर्व: पोंगल मूल रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। तमिलनाडु में इस बार 6 दिन का अवकाश घोषित करने की प्रकिया चल रही है।17 जनवरी (गुरुवार) पौष पुत्रदा एकादशी: इसका भी धार्मिक महत्व है।भगवान शिव के आराधक इस व्रत को विधि-विधान से करते हैं।उत्तर भारत में इसे पूनम भी कहा जाता है।साल में जो चार बड़ी चतुर्थियां आती हैं। ये उनमें से एक है। इसे तिल चतुर्थी भी कहा जाता है।हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। यह राष्ट्रीय गौरव और सम्मान का दिवस है।यह भी देश के ज्यादातर हिस्सों में मनाया जाने वाला अहम धार्मिक दिवस है।
Source: Dainik Bhaskar January 09, 2019 07:41 UTC