नवंबर तक रूलाएंगी प्याज की ऊंची कीमतें, खरीफ की नई फसल आने पर ही मिलेगी राहतः नीति आयोगनई दिल्ली, पीटीआइ। प्याज की ऊंची कीमतों से हलकान लोगों को नवंबर तक इससे राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के अन्य हिस्सों में प्याज की कीमतें 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गई हैं और नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद का मानना है कि नवंबर के बाद खरीफ की नई फसल बाजार में आने के बाद ही लोगों को बढ़ी हुई कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद है। कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से नैफेड, एनसीसीएफ और मदर डेयरी के सफल स्टोर के जरिए 23.90 रुपये की रियायती दरों पर प्याज की बिक्री कर रही है। कई राज्य सरकारें भी ऐसा कर रही हैं।चंद ने कहा कि सरकार के पास 50,000 टन का बफर स्टॉक है। इसमें से 15,000 टन प्याज की बिक्री पहले ही हो चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नवंबर की शुरुआत में खरीफ की नई फसल के बाजार में आने के बाद कीमतें फिर से सामान्य स्तर पर आ जाएंगी। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत ने कृषि फसलों को लेकर अपना परिदृश्य विकसित किया होता तो इस तरह की स्थिति को टाला जा सकता था।सरकार प्याज की कीमतों में होने वाली इस बढ़ोत्तरी का अनुमान नहीं लगा पाई। इस बारे में पूछे जाने पर चंद ने कहा कि अभी कृषि परिदृश्य को कैप्चर करने का कोई मैकेनिज्म नहीं है इसलिए सरकार कोई रणनीति नहीं पेश कर पाई।उन्होंने कहा, ''हर साल हम कोई ना कोई बड़ा शॉक झेलते हैं। अभी प्याज की कीमतें चर्चा का विषय है। अचानक, प्याज की कीमतें दोगुनी-तीन गुनी तक बढ़ गई हैं। हमें इस बारे में कोई क्लू नहीं थी।''चंद ने कहा कि असमय बारिश और बाढ़ जैसी घटनाओं से उत्पादन प्रभावित होने को लेकर कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन कुछ चीजें हैं, जिनके बारे में समय रहते अनुमान लगाया जा सकता है।उन्होंने कहा, ''अनुमान लगाने का तंत्र विकसित करने से सही रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। अगर हमें प्याज में कमी नजर आएगी तो हम पहले ही उसका आयात कर लेंगे।''चंद ने कहा कि भारतीय कृषि व्यावसायीकरण के उच्च स्तर तक पहुंच गया है और वैश्विक बाजार से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।उन्होंने कहा कि हमें किसानों, राज्यों और निजी व्यापारियों के साथ नीति निर्माताओं को विभिन्न वस्तुओं की मांग, आपूर्ति और कीमत के बारे में बताना होगा ताकि हर किसी को ऐसी मुश्किल परिस्थितियों के लिए तैयारी करने का समय मिल सके।Posted By: Ankit Kumarअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
Source: Dainik Jagran September 26, 2019 11:27 UTC