देश की सीमा पर पेट्रोलिंग के लिए बन रहे AI रोबोट, ये खुद फैसले लेने में सक्षम होंगे - Dainik Bhaskar - News Summed Up

देश की सीमा पर पेट्रोलिंग के लिए बन रहे AI रोबोट, ये खुद फैसले लेने में सक्षम होंगे - Dainik Bhaskar


गैजेट डेस्क. भारत की सीमा सुरक्षा बलों को मजबूत बनाने के लिए वैज्ञानिक ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित ऐसे रोबोट तैयार कर रहे हैं जो भारत की सीमाओं पर गश्त करेंगे। यह रोबोट किसी भी तरह के रास्तों पर चलने में सक्षम होंगे, साथ ही बदलते मौसम का भी इनपर कोई असर नहीं पड़ेगा।इन रोबोट को बनाने के लिए डिफेंस पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL) और सेंट्रल रिसर्च लेबोरेट्री (CRL) के वैज्ञानिक बेंगलुरु में काम कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने फर्स्ट रिस्पांडर रोबोट पर काम करना दिसंबर 2018 में शुरू किया था। दावा किया जा रहा है कि रोबोट को दिसंबर 2019 तक पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा।बीईएल के सीएमडी गौतम का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आर्मड फोर्सेस के महत्वपूर्ण ऑपरेशन में काम करने का तरीका बदल देगी, साथ ही यह रोबोट सीमाओं पर भी गश्त करेंगे।गौतम का कहना है कि आने वाले समय पारंपरिक युद्ध की बजाए रोबोटिक युद्ध का होगा। सीमा पर ऐसे रोबोट लडे़ंगे जो सेल्फ डिसीजन लेने में सक्षम होंगे। इस तकनीक के सहारे हम अपने सैनिकों की जान बचा सकेंगेडिफेंस प्रोडक्शन के सेक्रेटरी अजय कुमार का कहना है कि रोबोट के प्रोटोटाइप मॉडल के साथ एआई पर बेस्ड कुछ और प्रोडक्ट भी बीईएल द्वारा इस साल तैयार कर लिए जाएंगे। हालांकि अभी तक फोर्सेस ने बीईएल को कोई विशेष आवश्यकता नहीं भेजी है।गौतम ने कहा कि एपल के स्टीव जॉब्स कहते थे कि यूजर को नहीं पता कि उन्हें क्या चाहिए जब तक आप उन्हें बताते नहीं है। एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट कंपनी होने के नाते हम ऐसी क्षमताओं को बनाने पर काम कर रहे हैं, जो भविष्य में सेना के काम आ सकें। यह हमारा एक प्रोजेक्ट है।दुनियाभर की कई बड़ी कंपनियां आईरोबोट कॉर्पोरेशन, नॉर्थरोप गुरमान कॉर्पोरेशन, मित्सुबिशी, थेल्स ग्रुप, बीएई सिस्टम्स, जनरल डायनामिक कॉर्पोरेशन जैसी कंपनियां ऐसे रोबोट बनाने पर काम कर रही है जो सुरक्षा सीमाओं पर गश्त लगाएंगे। वहीं कोरिया बिल्कुल अलग तरह का रोबोट बनाने पर काम कर रही है, रिपोर्ट के मुताबिक कोरिया अवतार मूवी से इंस्पायर्ड रोबोट को बना रही है।फरवरी 2020 तक ट्रायल के लिए तैयार हो जाएंगे रोबोट बीईएल दिसंबर के पहले सप्ताह तक रोबोट को बनाने का काम पूरा करने की कोशिश कर रही है। इसके बाद रोबोट का इंटरनल रिव्यू होगा। वैज्ञानिक फरवरी 2020 तक इसे ट्रायल के लिए तैयार करेंगे। फिलहाल भारत के 80 से ज्यादा वैज्ञानिक और इंजीनियर्स इस रोबोट को बनाने के लिए काम कर रहे हैं।


Source: Dainik Bhaskar May 03, 2019 08:01 UTC



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