गुजरात में दलित युवक को घोड़ी पर बिठाने को लेकर 40 परिवारों का सामाजिक बहिष्कारअहमदाबाद, जेएनएन। उत्तर गुजरात के कडी में एक दलित युवक को घोड़ी पर बिठाने को लेकर हुए विवाद के बाद गांव के सवर्ण समाज ने अनुसूचित जाति के 40 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया, जिसके बाद गांव में उनका हुक्का पानी बंद हो गया।उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के गृह जिले व कस्बे कडी के लोर गांव में दो दिन पहले एक अनुसूचित जाति का युवक घोड़ी पर बिठाकर बैंड बाजा के साथ निकला। इस दौरान गांव के अन्य सवर्ण समाज के लोगों के साथ उसकी कहासुनी भी हुई। इसके बाद कथित सवर्ण समाज के लोगों ने अनुसूचित जाति के लोगों को सार्वजनिक कुंआ, तालाब व नल से पानी लेने, उन्हें दूध व अन्य राशन सामग्री बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया।लोर गांव से कडी तक जाने वाले ऑटो चालक भी सामाजिक बहिष्कार के बाद उन्हें ऑटो में बिठाने से इनकार कर रहे हैं। गांव की युवती वंदना परमार के मुताबिक, सामाजिक प्रतिबंध के चलते चालीस से अधिक दलित परिवारों को खाना व पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। कडी व मेहसाणा जाने के लिए अब ऑटो चालक भी उनको बिठाने से इनकार कर रहे हैं।जानें, किसने क्या कहाघटना की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है। विभाग के अधिकारियों की रिपोर्ट आते ही इस मामले में न्यायिक कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस के शासन में पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज नहीं होती थी, आज दलित अपनी बात कहने में सक्षम हुए हैं।- सामाजिक न्याय मंत्री, ईश्वर परमार।---राजस्थान में दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म हो या गुजरात के कडी में दलित परिवारों का राशन पानी बंद करने की घटना। कांग्रेस व भाजपा सरकार दलितों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है। सरकार ऐसी घटनाओं की निंदा तक नहीं कर पा रही है। सरकार केवल जांच कराती है। बाद में उसकी रिपोर्ट भी दबाकर बैठ जाती है। मुख्यमंती विजय रूपाणी व सामाजिक न्याय मंत्री ईश्वर परमार को उस गांव में जाकर समाज के लोगों से बात करनी चाहिए। सरकार को चेताने के बाद भी कोई एहतियातन कदम नहीं उठाए।-जिग्नेश मेवाणी, विधायक व सामाजिक कार्यकर्ता।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Sachin Mishra
Source: Dainik Jagran May 09, 2019 09:39 UTC