कसाब को पकड़ने के बाद मारिया उसे लेकर मुर्दाघर गए थे, जहां शवों को देखकर वह उल्टियां करने वाला थाकसाब को हिंदू के रूप में दिखाने के लिए बेंगलुरु के समीर चौधरी नाम से एक आई कार्ड बनाया गया थाDainik Bhaskar Feb 19, 2020, 12:26 PM ISTमुंबई. पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की किताब 'लेट मी से इट नाउ' से हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस किताब में उन्होंने 26/11 आतंकी हमले को लेकर भी कई बातें सामने रखी हैं। साल 2008 में हुए इस हमले में मारिया जांच करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे थे। मारिया के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा आतंकी कसाब को एक हिंदू आतंकी के रूप में पेश करना चाहता था। मारिया ने उसे गिरफ्तार करने के बाद जबरन 'भारत माता की जय' के नारे लगवाए थे।हिंदू आतंकी बनाकर सभी को भेजा थामारिया के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस ने 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद का रूप देने की साजिश रची थी। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने आईएसआई का साथ दिया था। इसके लिए आईएसआई ने अजमल कसाब समेत सभी 10 हमलावरों को नकली आईकार्ड के साथ उन्हें हिंदू बनाकर मुंबई भेजा था।कसाब के पास मिली थी बेंगलुरु के युवक की आईडीपुलिस को कसाब के पास से बेंगलुरु के रहने वाले किसी समीर दिनेश चौधरी का फर्जी आईकार्ड भी मिला था। हिंदू दिखने के लिए कसाब ने अपने दाएं हाथ की कलाई में कलावा भी बांध रखा था।गिरफ्तार करने के बाद कसाब को ले गए थे मुर्दाघरकिताब की लॉन्च से पहले पूर्व आईपीएस ऑफिसर ने बताया- 'गिरफ्तारी के तुरंत बाद हम कसाब को मुर्दाघर लेकर गए थे, जहां हमले में मारे गए 160 लोगों की लाशें रखी थी। लाशों को दिखाकर कसाब से पूछा गया था कि क्या यही जिहाद के लिए उसका सहयोग है? मुर्दाघर में उसके साथियों की लाशें भी थीं, जिन्हें देखकर कसाब की हालत खराब हो गई थी। वह उल्टियां करने वाला था।'कसाब को अपने किए पर नहीं था पछतावामारिया बताते हैं- 'पूछताछ के दौरान कई मौके पर कसाब अपना होश खोने लगा था, लेकिन उसने कभी अपने किए के लिए शर्मिंदगी या पछतावा जाहिर नहीं किया।'कसाब से लगवाया था 'भारत माता की जय' का नारामारिया ने आगे बताया- 'काफिला मेट्रो जंक्शन की तरफ आया। हम उसी जगह आकर रुके, जहां इस दरिंदे (अजमल कसाब) ने कुछ दिन पहले हमले काे अंजाम दिया था। वहां मेरे प्यारे सहयोगियों और निर्दोष नागरिकों की लाशें बिछी हुई थीं। मुझे नहीं पता कि अचानक मुझे क्या हुआ? मैंने काफिला रोक दिया और कार से बाहर निकल आया। मैंने अजमल कसाब को बाहर लाने को कहा, तब सुबह के कुछ 4:30 बजे होंगे। सर्द हवा चल रही थी। मंदिर और मस्जिद भी नहीं खुले थे।'मारिया ने आगे कहा- 'मैंने कसाब को ऑर्डर दिया- नीचे झुको और जमीन पर अपना माथा टेको। वह चुपचाप मेरे निर्देशों का पालन करने लगा। अब कहो- भारत माता की जय। भारत माता की जय! कहो- कसाब। एक बार सुनकर मैं संतुष्ट नहीं हुआ। मैंने उसे कई बार भारत माता की जय कहने को बोला।'
Source: Dainik Bhaskar February 19, 2020 05:48 UTC