बर्लिनदुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के कहर से निपटने के लिए बहुत तेजी से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से लगाया जा रहा है। अब तक करोड़ों लोग इस वैक्सीन की पहली या दूसरी खुराक ले चुके हैं। इस बीच दुनियाभर में कोविशील्ड वैक्सीन से खून जमने के कई मामले सामने आए हैं। इससे लोगों में कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर भय देखा जा रहा है। अब जर्मनी के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने वैक्सीन लगने के बाद खून के जमने के कारणों और उसके इलाज को खोज निकालने का दावा किया है।विश्वभर में ऑक्सफर्ड और जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद ब्लड क्लॉट जमने के कई गंभीर मामले सामने आए हैं। यह खून के थक्के खासतौर पर 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में देखे गए हैं।ब्रिटेन में तीन करोड़ 30 लाख डोज लगाए गए हैं जिसमें खून जमने के 309 मामले सामने आए हैं। इसी वजह से यूरोप के कई देशों में ऑक्सफर्ड की वैक्सीन पर रोक लगा दी गई है। ब्रिटेन में भी 40 साल से कम उम्र वाले लोगों को यह वैक्सीन नहीं लगवाने की सलाह दी गई है।इस बीच जर्मनी के गोइथे यूनिवर्सिटी और उल्म यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह समस्या एडिनोवायरस वेक्टर में है। यह एक सामान्य वायरस है जिसके जरिए वैक्सीन शरीर में प्रवेश कर सकती है। गोइथे यूनिवर्सिटी के एक प्रफेसर डॉक्टर रॉल्फ मार्सचालेक ने ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में कहा कि ऑक्सफर्ड की कोविशील्ड वैक्सीन इसलिए समस्या कर रही है क्योंकि यह एडिनोवायरस वेक्टर वैक्सीन है। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन में नए वायरस के जेनेटिक मटीरियल का इस्तेमाल एडिनोवायरस के जीन्स के साथ मिलाकर किया गया है ताकि रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाया जा सके।
Source: Navbharat Times May 28, 2021 09:45 UTC