नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दिल्ली में कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए दूरसंचार विभाग की ओर से शीघ्र ही अभियान छेड़ा जाएगा। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने इस बात का एलान किया। कॉल ड्रॉप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चिंता जताए जाने के बाद संचार मंत्रालय ने इस समस्या के समूल खात्मे की तैयारियां शुरू कर दी हैं। संचार मंत्री सिन्हा ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों से कॉल ड्रॉप का तकनीकी समाधान ढूंढकर ग्राहकों को इस समस्या से पूरी तरह निजात दिलाने को कहा है।अधिकारियों के मुताबिक अभियान के तहत राजधानी के विभिन्न इलाकों में टावरों की संख्या, स्थिति, गुणवत्ता, प्रसारण क्षमता, बिजली सप्लाई एवं जनरेटर शक्ति आदि की जांच की जाएगी। साथ ही खामियों को समयबद्ध आधार पर दूर करने के उपाय करने को कहा जाएगा। इसमें विफल रहने वाली कंपनियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।इसके अलावा ट्राई के नए नियमों के अनुसार दो प्रतिशत से अधिक खराब गुणवत्ता की कॉल्स होने पर कंपनियों से सख्ती के साथ जुर्माना वसूलने की तैयारी है। संचार मंत्री ने कहा कि टॉवरों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ ग्राहकों की शिकायतों के समाधान के लिए आइवीआरएस कॉल सेंटर की स्थापना की गई हैं। जहां अब तक सवा करोड़ लोगों से बात कर कॉल ड्रॉप की शिकायतों के समाधान के प्रयास किए गए हैं।कॉल ड्रॉप के लिए टावरों की कमी को मुख्य वजह बताते हुए संचार मंत्री ने कहा कि टॉवर लगाने के लिए जमीन की अनुपलब्धता की शिकायतों के बाद ही हमने डीडीए जैसे सरकारी प्रतिष्ठानों की जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। लेकिन यह ऐसी समस्या है जिसे निरंतर निगरानी से ही खत्म किया जा सकता है।पिछले दिनो इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की समीक्षा के लिए हुई प्रगति बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन के समक्ष कॉल ड्रॉप के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने आम जनता के साथ-साथ स्वयं के भी कॉल ड्रॉप का शिकार होने का हवाला देते हुए इस समस्या का तकनीकी समाधान खोजने के निर्देश दिए थे।कॉल ड्रॉप पर अंकुश लगाने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों पर प्रति कॉल एक रुपये की पेनाल्टी लगाने का सुझाव सरकार को दिया था। लेकिन कंपनियां इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई जहां इस पर रोक लगा दी गई। यही नहीं, दो प्रतिशत से अधिक कॉल ड्रॉप पर जुर्माने से बचने के लिए कंपनियों ने VoLTE तकनीक का सहारा ले लिया। इस तकनीक में कॉल की गुणवत्ता चाहे जितनी खराब हो मगर कभी ड्रॉप के रूप में दर्ज नहीं होती। इस चालाकी को देखते हुए ट्राई ने हाल ही में 2 प्रतिशत से अधिक खराब गुणवत्ता वाली कॉल होने पर कंपनियों के विरुद्ध अर्थदंड का प्रावधान किया है।Posted By: Vikas Jangra
Source: Dainik Jagran September 27, 2018 14:26 UTC