Hindi NewsLocalChandigarhPradeep Chhabra Will Remain The President Of Chandigarh Congressकांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक: प्रदीप छाबड़ा ही बने रहेंगे चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्षचंडीगढ़ 8 घंटे पहलेकॉपी लिंकपार्टी के नए प्रभारी हरीश रावत ने कार्यकारिणी की बुलाई बैठकमीटिंग के दौरान नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आईउत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व पंजाब-चंडीगढ़ कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी हरीश रावत ने वीरवार को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। प्रभारी चुने जाने के बाद हरीश रावत की ये चंडीगढ़ कांग्रेस के साथ ये पहली मीटिंग थी, लिहाजा इसमें हंगामा होना लाजमी था और हुआ भी कुछ ऐसा ही। मीटिंग के दौरान नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई।कांग्रेस के कई सीनियर नेता मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के खिलाफ बोले, लेकिन कई नेताओं ने उनका समर्थन भी किया। मीटिंग के बाद हरीश रावत ने सभी नेताओं को साथ मिलकर काम करने की सलाह दी और स्पष्ट किया कि फिलहाल प्रदीप छाबड़ा ही अध्यक्ष रहेंगे।पार्षद देविंदर सिंह बबला ने कहा कि संगठन इस समय बेहद कमजोर हो चुका है। उन्होंने छाबड़ा के लिए कहा कि उनके प्रधान बनने के बाद पार्टी ने 9 चुनाव हारे हैं। वहीं, पूर्व डिप्टी मेयर एचएस लक्की ने भी संगठन की कमियां गिनवाईं।उनके अलावा सुभाष चावला व पवन शर्मा ने भी कहा कि संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत है। इस बीच प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि उनके अध्यक्ष बनने के बाद 2016 के निगम और 2019 के लोक सभा चुनाव में ही पार्टी की हार हुई है।कई नेताओं ने किया छाबड़ा का समर्थनसूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान कई कांग्रेसी नेताओं ने छाबड़ा का समर्थन भी किया। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीपा दुबे ने कहा कि बूथ लेवल पर पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष की नहीं है। इसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। इसलिए पार्टी को मजबूत बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।वहीं, छाबड़ा ने भी रावत के सामने कह दिया कि उन्हें कुछ नेताओं की बात सुनकर फैसला नहीं लेना चाहिए। उनके साथ वे सभी नेता व कार्यकर्ता हैं जो पार्टी के लिए पुलिस की लाठियां खा रहे हैं और अपनी गिरफ्तारियां दे रहे हैं। वहीं, पार्टी के महासचिव संदीप भारद्वाज ने कहा कि हमें गुटबाजी को खत्म कर पार्टी को मजबूत बनाने पर काम करना चाहिए।उन्होंने छाबड़ा का समर्थन करते हुए कहा कि अगर अभी पार्टी अध्यक्ष बदला जाता है तो उससे आगामी नगर निगम चुनाव पर असर पड़ेगा। इसलिए फिलहाल संगठन को मजबूत बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
Source: Dainik Bhaskar October 08, 2020 23:28 UTC