Hindi NewsLocalChandigarhPeck Taught How To Manage Time And Stay In Competition: Vanyaयादें: पेक ने टाइम मैनेज करना और कंपीटिशन में बने रहना सिखाया: वान्याचंडीगढ़ 9 घंटे पहलेकॉपी लिंकपंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से 2014 में पासआउट वान्या मिश्रा मिस वर्ल्ड के टाॅप-5 में पहुंचीं थीं...(ननु जाेगिंदर सिंह) मुझे दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन मिल रहा था, लेकिन पेक की रैंकिंग भी देश में बहुत अच्छी थी और इसके जरिए मौका था अपने ही पेरेंट्स के पास रहने का। इसलिए पेक को ही चुना और यहीं पर सीखा दबाव के बीच में टाइम को मैनेज करना और गला काट कंपीटिशन के बीच बचे रहना।यह कहना है 2012 की मिस इंडिया वान्या मिश्रा। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (पेक) से 2014 की पासआउट वान्या मिस वर्ल्ड के टाॅप पांच में पहुंचीं थीं। उन्होंने ‘ब्यूटी विद अ पर्पज’ और ‘मिस मल्टीमीडिया’ खिताब भी जीता। वान्या कहती हैं कि उनके कॉलेज में अनुशासन बहुत ज्यादा है। उस समय ये टारगेट रहता था कि 80 फीसदी लेक्चर होने ही चाहिए। क्लास में हर स्टूडेंट काबिल था और आपस में इतना मुकाबला था कि आप कहीं भी ढीले नहीं हो सकते। यहीं से ट्रेनिंग मिली हर चीज को मैनेज करने की।मेजर नवनीत मिश्रा और वेद मिश्रा की बेटी वान्या ने स्कूल में भी टॉप किया था। उन्हें साइंस में ही जाना था और कॉमर्स तक के बारे में कभी नहीं सोचा। शहर में ही रहना था, इसलिए डीयू की काउंसिलिंग में भी नहीं गईं। यहीं पर रहते हुए अपने साथी के साथ स्टार्टअप शुरू किया।वान्या बताती हैं कि इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग वाली कंपनी को रिक्वेस्ट किया तो उन्होंने एक-डेढ़ महीने की ट्रेनिंग का समय एडजस्ट किया। टाइटल जीतने के बाद के शेड्यूल को देखते हुए वह एक साल ड्रॉप करने की सोच रही थीं। टीचर्स से बात की तो उन्होंने कहा कि काम पूरा करो, वापस लौटो और सब कुछ हो जाएगा। उन्होंने पहले स्टडी मैटीरियल बताया कि क्या-क्या पढ़ना है। इसके बाद वापस लौटने पर स्पेशल क्लासेज लगीं और फिर एक आम स्टूडेंट की तरह वे एग्जाम में अपीयर हुईं।2014 में अपनी डिग्री पूरी की। इस बीच उनके पास फिल्मों और सीरियल के कई ऑफर थे। लेकिन ग्लैमर इंडस्ट्री देख चुकी थीं इसलिए उन्हें लगता था कि ‘इट्स नॉट माई कप ऑफ टी’। बहुत से दोस्तों, साथियों ने समझाया कि मशहूर होने का मौका सभी को नहीं मिलता, इसलिए फिल्मों में काम करें। लेकिन आज के माहौल को देख-सुनकर उन्हें समझ आ रहा होगा कि वाकई ये सबके बस का नहीं है। डिग्री पूरी करने के बाद अपने एक साथी के साथ स्टार्टअप शुरू किया और इन दिनों वान्या निजी कंपनी में अच्छे पद पर हैं।मिस इंडिया बनने के लिए कभी ट्रेनिंग नहीं लीवान्या बताती हैं कि मिस इंडिया टाइटल जीतना उनके लिए सपना था। लेकिन इसके लिए उन्होंने कभी भी ऑफिशियल ट्रेनिंग नहीं ली। अलग-अलग कंपीटिशन में पार्टिसिपेट करती रहती थीं, उसमें ही ट्रेनिंग हो गई। इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग का साल था, जब उन्होंने मिस इंडिया टाइटल जीता। इसी में उन्हें सबसे खूबसूरत आंखों, सबसे खूबसूरत स्किन और सबसे फोटोजेनिक चेहरे का खिताब भी जीता। इसके बाद मिस वर्ल्ड के दौरान वे टाॅप-7 में पहुंचीं, जहां पर सवाल-जवाब राउंड के बाद तीन फाइनल प्रतिभागी होते हैं।
Source: Dainik Bhaskar October 08, 2020 23:24 UTC