waynad loksabha seat: लोकसभा चुनाव: राहुल गांधी के वायनाड से लड़ने पर लेफ्ट धड़े में रार, अकेले पड़े सीताराम येचुरी - sitaram yechury isolated in cpm over rahul's election from waynad - News Summed Up

waynad loksabha seat: लोकसभा चुनाव: राहुल गांधी के वायनाड से लड़ने पर लेफ्ट धड़े में रार, अकेले पड़े सीताराम येचुरी - sitaram yechury isolated in cpm over rahul's election from waynad


केरल की वायनाड सीट पर लेफ्ट के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उम्मीदवारी ने दोनों दलों के रिश्तों में खटास लाने का काम किया है। यही नहीं राहुल की उम्मीदवारी के चलते लेफ्ट के भीतर खींचतान की स्थिति है और इसमें सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी अकेले पड़ते दिख रहे हैं। राहुल गांधी के लिए 'नरम रुख' अख्तियार करने के चलते सीताराम येचुरी पार्टी के अंदर अकेले नजर आ रहे हैं।येचुरी का कहना है कि लेफ्ट को इलेक्शन के वक्त किसी तरह के विवाद में पड़ने के बजाय समान विचारधारा वाले दलों से तालमेल करना चाहिए। उनका कहना है कि बीजेपी को हराना ही फिलहाल एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस संग गठबंधन की कोशिशें की थीं और केरल में नरम दिख रहे हैं। इसके चलते वह पार्टी के मुखिया के तौर पर सीपीएम अकेले पड़ गए हैं। पार्टी के एक बड़े धड़े का मानना है कि हमें कांग्रेस की बजाय अपनी ताकत को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।पार्टी और येचुरी के लिए पहला झटका पश्चिम बंगाल में लगा। यहां येचुरी ने कांग्रेस के साथ सीटों की साझेदारी को लेकर कोई करार हुए बिना ही 6 सीटें छोड़ दी थीं, जिनमें से दो सीटों पर उसके सांसद थे। लेकिन, शुरुआती प्रयासों के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका। दोनों ही पार्टियां मुर्शिदाबाद सीट को लेकर अड़ गईं और अंत में दोनों की राह अलग हो गई।इसके बाद दूसरा झटका वामपंथी पार्टी को राहुल गांधी के केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने से लगा है। कांग्रेस की ओर से इसका आधिकारिक ऐलान होने के बाद येचुरी को तिरुअनंतपुरम में प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी। सीपीएम में कांग्रेस के इस फैसले को लेकर हैरानी है कि आखिर जब उनकी ओर से इसे गलत विचार करार दिया गया था, तब भी राहुल गांधी ने वायनाड आने का फैसला क्यों लिया। मीडिया की ओर से इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस ने लेफ्ट को अकेला छोड़ा दिया है, इस पर येचुरी ने चुप्पी साध ली।येचुरी ने राहुल की वायनाड से उम्मीदवारी पर भी लेफ्ट के अन्य नेताओं के मुकाबले नरम राय रखते हुए कहा है कि यह किसी भी पार्टी का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पर था कि वह सेकुलर दलों को साथ लेकर एक संदेश देने का काम करे। हालांकि पार्टी के दिग्गज नेताओं और केरल यूनिट ने कांग्रेस पर तीखा हमला करने में देरी नहीं की। प्रकाश करात और सीएम पिनराई विजयन समेत कई नेताओं ने कहा कि इस फैसले से पता चलता है कि कांग्रेस की लड़ाई बीजेपी की बजाय लेफ्ट से है।


Source: Navbharat Times April 02, 2019 02:57 UTC



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