हाइलाइट्स इंटरनैशल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाईपाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को सुनाई थी फांसीICJ के फैसले को मानने के लिए पाकिस्तान बाध्यकारी हैहालांकि, कई ऐसे मामले भी है जब कुछ देशों ने ICJ का फैसला नहीं माना हैअगर पाकिस्तान ICJ का फैसला नहीं माना तो मामला UN जा सकता हैपाकिस्तानी वकील खावर कुरैशीजाधव पर ICJ का फैसलाजाधव पर फैसला आने के बाद हर किसी के मन में सवाल है कि क्या अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) का फैसला मानने के लिए कोई देश मजबूर है? जवाब है कि खासतौर पर जाधव के मामले में सैद्धांतिक तौर पर पाकिस्तान ICJ का फैसला मानने के लिए बाध्य होगा क्योंकि भारत ने वियना संधि का हवाला देकर अपील की थी। इस संधि पर पाकिस्तान ने भी हस्ताक्षर किया है और जिन देशों ने इस संधि पर साइन किए हैं वे ICJ के फैसला मानने को बाध्य हैं। इस बीच, पाकिस्तान ने कुछ ऐसे संकेत दिए हैं जिससे माना जा रहा है कि यह मामला संयुक्त राष्ट्र (UN) तक जा सकता है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने ICJ के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह वह कानून के आधार पर इस मामले में आगे बढ़ेंगे।लेकिन कुछ ऐसे भी उदाहरण हैं, जिनमें देशों ने ICJ के फैसले को नहीं माना। एक बार अमेरिकी कोर्ट ने मैक्सिको के 51 नागरिकों को दोषी मानकर सजा सुनाई थी। मैक्सिको ICJ पहुंच गया। 2004 में ICJ ने अमेरिका के खिलाफ फैसला सुनाया, लेकिन अमेरिका फैसला नहीं माना और कहा कि उसके राष्ट्रीय कानूनों को कोई किनारे नहीं कर सकता।पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने आज ट्वीट कर कहा, 'कुलभूषण जाधव को रिहा नहीं करने के ICJ के फैसले का स्वागत करता हूं। हम इस मामले में कानून के तहत आगे बढ़ेंगे।'कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि देश मजबूर नहीं हैं कि ICJ के फैसले को मानें। अगर कोई देश फैसला मानने से इनकार करता है तो फिर यूएन की सुरक्षा परिषद का रोल अहम हो जाता है। फिर मामले में वोटिंग होती है। ऐसे में केवल सुरक्षा परिषद पाकिस्तान को फैसला मानने के लिए मजबूर कर सकती है। लेकिन परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में चीन भी है, जो पाकिस्तान का साथ दे सकता है। ध्यान रहे कि पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के मामले में चीन ने भारत को लंबा इंतजार करवाया था।पाकिस्तान ने कहा कि वह कुलभूषण जाधव मामले में 'कानून के अनुसार' आगे बढ़ेगा। पाकिस्तान ने यह बात ICJ के फैसले के बाद कही कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक की मौत की सजा की समीक्षा करनी चाहिए, जिसे पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उक्त सजा 'जासूसी और आतंकवाद' के आरोप में सुनाई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक 'जिम्मेदार सदस्य' के रूप में पाकिस्तान ने बहुत कम समय के नोटिस के बावजूद सुनवाई के लिए अदालत में पेश हुआ। अब फैसला सुनने के बाद पाकिस्तान अब कानून के अनुसार आगे बढ़ेगा।' पाकिस्तान ने कहा, 'ICJ ने अपने फैसले में जाधव को बरी या रिहा करने की भारत की अर्जी स्वीकार नहीं की।'
Source: Navbharat Times July 18, 2019 03:50 UTC