अलेक्स कैरीहाइलाइट्स क्रिकेट अधिकारी एक अगस्त से शुरू हो रही एशेज सीरीज में एक नए नियम को ला सकते हैंयह नियम सिर में चोट लगने पर उस खिलाड़ी के स्थान पर कॉनकशन सबस्टिट्यूट खिलाड़ी को मंजूरी देने का हैशेज सीरीज के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अन्य प्रारूपों में भी लागू किया जा सकता हैदोनों टीमों के पास एक-एक कॉनकशन सबस्टीट्यूट का अधिकार होगा•दोनों टीमों के पास एक-एक कॉनकशन सबस्टीट्यूट का अधिकार होगा।अगर मेडिकल स्टाफ या डॉक्टर को लगता है कि प्लेयर के सिर में चोट गंभीर है तो उन्हें या उसे मैच रैफरी को यह बात बतानी होगी, तब जाकर उस चोटिल बल्लेबाज के सबस्टीट्यूट को मैदान पर उतरने की अनुमति मिलेगी।जिस चोटिल प्लेयर के बदले मैदान पर सबस्टीट्यूट को उतारा गया है, उसे तब तक दोबारा मैदान पर उतरने की मंजूरी नहीं मिलेगी, जबतक डॉक्टर हरी झंडी न दे दे।अगर किसी प्लेयर को सिर में चोट लगी है और वह मैदान से बाहर गया है तो फिर वह उसी दिन मैदान पर नहीं उतर सकता।क्रिकेट अधिकारी एक अगस्त से शुरू हो रही एशेज सीरीज में एक नए नियम को ला सकते हैं। यह नियम सिर में चोट लगने पर उस खिलाड़ी के स्थान पर कॉनकशन (सिर में लगी चोट जो कम गंभीर हो) सबस्टिट्यूट खिलाड़ी को मंजूरी देने का है। खेल को सुरक्षित बनाने की कवायद में आईसीसी यह नियम ला रही है और एशेज सीरीज के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अन्य प्रारूपों में भी लागू किया जा सकता है।ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज की दर्दनाक मौत के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ( ICC ) के लिए किसी खिलाड़ी के बेहोश होने पर स्थानापन्न खिलाड़ी रखने का मसला मुख्य विषय बना हुआ है। ह्यूज नवंबर 2014 में शैफील्ड शील्ड मैच के दौरान सिर में चोट लगने से घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी। यह मसला लंदन में चल रहे आईसीसी वार्षिक सम्मेलन के अजेंडा में शामिल है तथा खेल की परिस्थितियों में बदलाव को मंजूरी देकर उन्हें तुरंत प्रभाव से लागू किया जा सकता है ताकि एशेज सीरीज से शुरू होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के मैच सुरक्षा के इन्हीं नियमों के तहत खेले जा सकें।ह्यूज की असमय मौत ने आईसीसी को गेंद के सिर में चोट लगने से होने वाले मस्तिष्काघात से तात्कालिक और लंबी अवधि के प्रभावों पर जागरुकता लाने के लिए प्रेरित किया। आईसीसी ने 2017 में घरेलू स्तर पर परीक्षण के तौर पर सिर में लगने वाली चोट से बेहोशी आने पर कॉनकशन सबस्टिट्यूट खिलाड़ी उतारने की शुरुआत की थी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 2016-17 सत्र से मेंस और विमिंस वनडे कप और बीबीएल तथा विमिंस बीबीएल में इस तरह के स्थानापन्न खिलाड़ी उतारने की व्यवस्था की थी, लेकिन शैफील्ड शील्ड में इसे लागू करने के लिए उसे मई 2017 तक आईसीसी की मंजूरी का इंतजार करना पड़ा था।इस साल की शुरुआत में श्रीलंका के ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान कुसाल मेंडिस और दिमुथ करुणारत्ने दोनों के सिर पर गेंद से चोट लगी थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया था और केवल करुणारत्ने को ही आगे खेलने की अनुमति दी गई थी। उस वक्त श्रीलंकाई मैनेजमेंट टीम में कोई डॉक्टर शामिल नहीं था। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई मेडिकल स्टाफ ने ही दोनों टीमों का खयाल रखा। सबस्टीट्यूट प्लेयर शामिल करने वाले नियम के साथ अभी यह साफ नहीं है कि टीमों को अपने खुद के मेडिकल स्टाफ रखने की जरूरत होगी या फिर सभी इंटरनैशनल मैचों में आईसीसी खुद एक स्वतंत्र डॉक्टर तय करेगा।
Source: Navbharat Times July 18, 2019 03:45 UTC