home loan sbi: सस्ते होंगे होम लोन! 30 लाख तक का कर्ज 8.3% ब्याज पर देगा SBI - sbi give upto 30 lakh homeloan at 8.3 percent benchmark - News Summed Up

home loan sbi: सस्ते होंगे होम लोन! 30 लाख तक का कर्ज 8.3% ब्याज पर देगा SBI - sbi give upto 30 lakh homeloan at 8.3 percent benchmark


हाइलाइट्स 1 अक्टूबर से SBI सहित दूसरे बैंकों का होम लोन सस्ता हो सकता हैबैंक इस हफ्ते हाउसिंग लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक कर लेंगेRBI ने बैंकों को लोन को एक्सटर्नल इंट्रेस्ट रेट बेंचमार्क से जोड़ना होगाकस्टमर की प्रोफाइल के आधार पर होम लोन पर कुछ अतिरिक्त चार्ज जोड़े जा सकते हैंबैंक इस हफ्ते हाउसिंग लोन को आरबीआई के निर्देशानुसार बाहरी बेंचमार्क से लिंक करने का सिस्टम अपना लेंगे। एक्सपर्ट्स ने कहा कि इससे बॉरोअर्स के लिए फंडिंग कॉस्ट कम से कम 30 बेसिस पॉइंट्स कम हो जाएगी।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने रीपो रेट से ऊपर 2.65 प्रतिशत का स्प्रेड तय किया है। रीपो रेट अभी 5.40 प्रतिशत है। इस तरह एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट 8.05 प्रतिशत हो रहा है। इससे इफेक्टिव रेट घटकर 8.20 प्रतिशत रह जाएगी, जो मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) सिस्टम के तहत 30 लाख रुपये तक के होम लोन पर सैलरीड बॉरोअर्स के लिए 8.30 प्रतिशत है।हालांकि कस्टमर की प्रोफाइल के आधार पर इस पर कुछ अतिरिक्त चार्ज जोड़े जा सकते हैं। एसबीआई नॉन-सैलरीड बॉरोअर्स से 15 बेसिस पॉइंट्स अतिरिक्त चार्ज करेगा। ऊंचे रिस्क ग्रेड 4-6 वालों पर इसके अतिरिक्त 10 बेसिस पॉइंट्स का चार्ज लगेगा।आरबीआई ने 4 सितंबर को कहा था कि बैंकों को रिटेल कस्टमर्स और माइक्रो, स्मॉल ऐंड मीडियम एंटरप्राइजेज लोन को एक्सटर्नल इंट्रेस्ट रेट बेंचमार्क से जोड़ना होगा ताकि मॉनेटरी पॉलिसी का असर बेहतर ढंग से ट्रांसफर हो और क्रेडिट ग्रोथ, कंजम्पशन और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिले।बैंकों को एक्सटर्नल बेंचमार्क के ऊपर स्प्रेड तय करने की आजादी है। इसके अलावा बॉरोअर के क्रेडिट असेसमेंट के आधार पर रिस्क प्रीमियम बदल सकता है।बैंक जिस रीपो रेट पर आरबीआई से उधार लेते हैं, वह फरवरी 2010 के बाद के सबसे निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर है। तीन महीने का ट्रेजरी बिल रेट फरवरी से 100 बेसिस पॉइंट्स घटकर अभी 5.28 प्रतिशत पर है। छह महीने का ट्रेजरी बिल रेट फरवरी के 6.4 प्रतिशत के बजाय अभी 5.48 प्रतिशत पर है। फरवरी 2019 से अगस्त 2019 के बीच रीपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट्स की कमी की गई है, वहीं MCLR में महज 20 बेसिस पॉइंट्स की कमी आई है।इकरा की एक रिपोर्ट में कहा गया कि लेंडिंग रेट्स की एक्सटर्नल बेंचमार्किंग से बॉरोअर्स के इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट्स में काफी उतार-चढ़ाव आ सकता है। उसका अनुमान है कि रीपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी से 15 साल के 75 लाख के लोन पर मंथली पेमेंट में 2200 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं 100 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा हर महीने 4500 रुपये का बोझ डाल सकता है।


Source: Navbharat Times September 30, 2019 03:07 UTC



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