akhilesh yadav: मैं किंगमेकर नहीं, किंग बनाने में करूंगा सहयोगः अखिलेश यादव - akhilesh yadav sats he is not kingmaker - News Summed Up

akhilesh yadav: मैं किंगमेकर नहीं, किंग बनाने में करूंगा सहयोगः अखिलेश यादव - akhilesh yadav sats he is not kingmaker


Xउत्तर प्रदेश में मौसम का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है और साथ ही चुनावी पारा भी बढ़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन और बीजेपी के बीच अंतिम चरण के चुनाव प्रचार तक जुबानी जंग भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रमुख अखिलेश यादव नेसे बातचीत में बताया कि वह पीएम नहीं बनना चाहते हैं। पेश है केसे उनकी बातचीत के कुछ अंशःजवाब: फेडरल फ्रंड एक अच्छा विचार है। 23 मई (काउंटिंग) के बाद इस पर सोचेंगे। मायावती, अजित सिंह के साथ बैठकर इस पर विचार करूंगा।जवाब: दिल्ली में एक नया पीएम होना चाहिए, जो भी हो। देश का कोई भी व्यक्ति भारत का पीएम बन सकता है। लेकिन मुझे खुशी होगी अगर यूपी का कोई फिर से पीएम बने।जवाब: हमने चुनावों से पहले बात की थी, लेकिन हाल ही में नहीं।जवाब: हम पीएम बनना नहीं, बनाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री बनने से बड़ा काम है बनाना।जवाब: नहीं, यह कहना गलत है। मैं राजा बनाने में सहयोग करूंगा। किंगमेकर में घमंड होता है। मैं पीएम की दौड़ में नहीं हूं, लेकिन मैं प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया का हिस्सा बनूंगा।जवाब: इतनी जल्दी क्या है? हम 23 मई को एक साथ बैठेंगे और फैसला करेंगे।जवाब: बीजेपी जाति कार्ड सबसे ज्यादा खेलती है। उन्होंने अपना दल, ओपी राजभर के एसबीएसपी के साथ यूपी में गठबंधन किया और विभिन्न समुदायों के प्रमुख नेताओं को हटा लिया। जब बीजेपी जीती, तो मीडिया ने इसे सोशल इंजिनियरिंग का शानदार उदाहरण माना, लेकिन जब हम इसे आजमा रहे हैं, तो हमारी जातिवादी होने की ब्रांडिंग की जा रही है। यदि आप बीजेपी के जातिवादिता को रणनीतिवाद कहते हैं तो मुझे कोई समस्या नहीं है लेकिन दोनों को एक ही तरह से देखें।जवाब: यह बहुत बड़ा फैसला था, लेकिन मुझे भरोसा था कि हमारा कैडर तैयार है। इसने गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में काम किया। मेरे पास हर उम्र, जाति, समुदाय और प्रफेशनल लोग आए और उन्होंने बताया कि आज भेदभाव है। आपने देखा कि मेरे बाहर जाने के बाद मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) ने सीएम आवास को गंगाजल से कैसे धोया। सीएम ने कहा कि अगर संविधान नहीं होता तो मैं भैंस चराता है। मुझे एहसास हुआ कि अगर ये लोग मुझे अपमानित कर सकते हैं, तो कितने लोग इस तरह की स्थितियों से गुजर रहे होंगे। हमने तब कुछ निर्णायक करने का फैसला किया ताकि हम अच्छा माहौल बना सकें। हम अपने युवाओं के लिए आशाजनक भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक न्याय और प्रगति को सुनिश्चित करना चाहते थे।


Source: Navbharat Times May 17, 2019 04:40 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...

                           
/* -------------------------- overlay advertisemnt -------------------------- */