Yogi Adityanath: gorakhpur complainant of hate speech against cm yogi adityanath arrested for gang rape - गोरखपुर: 4 महीने पुराने गैंगरेप केस में गिरफ्तार हुआ आरोपी - News Summed Up

Yogi Adityanath: gorakhpur complainant of hate speech against cm yogi adityanath arrested for gang rape - गोरखपुर: 4 महीने पुराने गैंगरेप केस में गिरफ्तार हुआ आरोपी


गोरखपुरयूपी के गोरखपुर में पुलिस ने 62 साल के परवेज परवाज को गैंगरेप के आरोप में गिरफ्तार किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2007 में दर्ज हुए हेट स्पीच के मामले में परवाज शिकायतकर्ता हैं। उस वक्त योगी गोरखपुर लोकसभा सीट से सांसद थे।इस मामले में पीड़ित सब्जी विक्रेता की शिकायत के बाद परवाज के खिलाफ 4 जून को केस दर्ज हुआ था। कोतवाली इलाके से परवेज की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए एसपी सिटी विनय सिंह ने बताया कि इस मामले में एक अन्य आरोपी महमूद उर्फ जुम्मन (60 वर्ष) की पुलिस तलाश कर रही है। बुधवार को परवेज को जेल भेज दिया गया।इस मामले में पीड़ित मुस्लिम महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि दोनों आरोपियों ने इस साल 3 जून को उसके साथ गैंगरेप किया था। 4 जून को राजघाट पुलिस थाने में परवेज और महमूद के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी के तहत गैंगरेप का केस दर्ज हुआ था।पीड़िता ने आरोप लगाया है कि वह नेत्र रोग विशेषज्ञ महमूद के पास इलाज के लिए गई थी, जहां महमूद और परवेज दोनों ने उसके साथ रेप किया। पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई है। एसपी सिटी विनय सिंह का कहना है, 'केस की तफ्तीश के दौरान मिले सबूत परवेज की गिरफ्तारी के लिए काफी थे।'2007 में परवेज ने योगी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसमें 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर के महाराणा प्रताप चौराहे पर योगी के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण देने का आरोप है। परवेज का आरोप था कि इस भड़काऊ भाषण की वजह से मुहर्रम जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी।हालांकि सेशंस कोर्ट ने परवेज की अपील खारिज करते हुए कहा था कि सबूत के तौर पर पेश की गई सीडी में छेड़छाड़ की गई। इस मामले में दोबारा जांच के लिए परवेज ने हाई कोर्ट का रुख किया था। पिछले साल राज्य सरकार ने योगी के खिलाफ अभियोजन को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। उस वक्त योगी राज्य के सीएम बन चुके थे।फरवरी 2018 में हाई कोर्ट ने भी परवेज की अपील नामंजूर करते हुए कहा कि जांच प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की खामी नहीं पाई गई। अदालत ने मामले के निस्तारण के लिए कानून के मुताबिक सेशंस कोर्ट को उपयुक्त आदेश जारी करने के आदेश दिए थे।हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जहां सितंबर 2018 में शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश में दखलंदाजी से इनकार कर दिया। अब हाई कोर्ट के आदेश की तामील में सेशंस कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को नोटिस जारी करते हुए 20 अक्टूबर को हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।


Source: Navbharat Times September 27, 2018 04:45 UTC



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