28 जुलाई को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था, उसके बाद वह लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती हैहादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई, पीड़िता की हालत नाजुक हैपीड़िता के 4 साल के भाई ने कहा- दीदी कहती थी कि दिल्ली में ही रहना, उन्नाव मत आनासुप्रीम कोर्ट ने सभी केसों को उन्नाव से दिल्ली ट्रांसफर करने के निर्देश दिए, पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने के भी निर्देश दिएDainik Bhaskar Aug 01, 2019, 08:51 PM ISTलखनऊ (आदित्य तिवारी). उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता रविवार (28 जुलाई) को हुए हादसे के बाद लखनऊ के केजीएमयू में आईसीयू में भर्ती है। डॉक्टरों का कहना है कि उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है और उसकी हालत नाजुक है। उसका परिवार 4 दिन से आईसीयू के बाहर खड़ा है। मां बाहर निकलने वाले हर डॉक्टर से पूछती है कि मेरी बिटिया अब कैसी है।सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सभी केसों की दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि पीड़िता के परिजनों को सुरक्षा दी जाए और अंतरिम राहत के तौर पर 25 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया जाए।परिजनों ने कहा- जो डर था, वह सच हो गयासुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केजीएमयू में पीड़िता के परिजनों ने कहा- अब बार-बार यूपी आने की जरूरत नहीं होगी। अगर यह काम पहले ही हो जाता, तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। जान से मारे जाने का जो डर था, वह सच हो गया। बिटिया सही हो जाए। हम लोग यूपी में रहेंगे ही नहीं। घटना के बाद ही हम लोग यूपी में नहीं आना चाह रहे थे और हम दिल्ली में ही रहना चाह रहे थे, लेकिन मुकदमे के चक्कर में यूपी आना पड़ा। यहां हम लोगों के साथ ऐसा हादसा कर दिया गया।भाई ने कहा- दीदी कहती थी, दिल्ली में रहकर पढ़ाई करनापिता की मौत के बाद पीड़िता के परिवार में मां, चार बहनें और 4 साल का एक भाई है। पीड़िता बहनों में दूसरे नंबर पर है। पीड़िता का 4 साल का भाई भी मां की बगल में बैठे-बैठे आईसीयू के अंदर-बाहर हो रही डॉक्टरों की टीम को निहारता रहता है। वह लोगों से एक ही सवाल पूछता रहता है। दीदी ठीक होकर कब बाहर निकलेगी? उसने कहा- दीदी हमसे हमेशा यही कहती है कि तुम पढ़ते रहो। बड़ा अफसर बनना और दिल्ली में ही रहना। उन्नाव कभी भी नहीं जाना।
Source: Dainik Bhaskar August 01, 2019 13:04 UTC