लखनऊ, जेएनएन। सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में प्रदेश में किस्मत आजमाने वाले फिल्मी सितारों के लिए सियासत का यह इम्तिहान खट्टे-मीठे अनुभव वाला रहा। दो फिल्मी सितारे मतदाताओं की कसौटी पर जहां सियासी फलक पर दमके, वहीं मुख्य लड़ाई में होने के बावजूद तीन को वोटरों ने निराश किया।फिल्म जगत से सियासत की दुनिया में कदम रखने वाले पांच सितारों ने लोकसभा चुनाव में सूबे में अपनी किस्मत आजमायी। इनमें भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रवि किशन गोरखपुर व दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' आजमगढ़, फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा रामपुर व हेमा मालिनी मथुरा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़े।रवि किशन ने गोरखपुर की बहुचर्चित सीट पर जीत दर्ज कर उसे वापस भाजपा की झोली में डाल दिया। उन्होंने सपा के राम भुआल निषाद को 301664 वोटों से करारी शिकस्त दी। रवि किशन को 715010 वोट हासिल हुए। उनकी जीत भाजपा को सुकून देने वाली रही लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए यह व्यक्तिगत रूप से यह बेेहद संतोषप्रद परिणाम रहा जिन्होंने भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए इस सीट के चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। आखिरकार उन्होंने लोकसभा में पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व जो किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी वह गोरखपुर सीट से जीते थे लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर सपा ने कब्जा कर लिया था।वहीं दूसरी ओर आजमगढ़ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने ताल ठोंकने वाले दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को ढाई लाख से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा। निरहुआ को 3.61 लाख से अधिक वोट मिले। कृष्ण जन्मभूमि मथुरा के मतदाताओं ने फिल्म अभिनेत्री व भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी पर फिर भरोसा जताया और उन्हें 6.71 लाख से अधिक वोट देकर दोबारा सांसद चुनकर भेजा। जनता से दूरी बनाये रखने के विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए वोटरों ने 'ड्रीम गर्ल' का रुतबा हासिल कर चुकीं हेमा को सिर माथे पर बैठाया। हालांकि इसमें मोदी के जादू के साथ हेमा की उस भावनात्मक अपील ने भी असर दिखाया जिसमें उन्होंने मथुरा से आखिरी बार चुनाव लडऩे की इच्छा जतायी थी।वहीं रामपुर सीट पर हुए दिलचस्प मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा 4.49 लाख वोट पाकर भी सपा के कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खां से तकरीबन एक लाख वोटों से शिकस्त खा गईं। चुनाव प्रचार के दौरान आजम की अभद्र टिप्पणी से आहत जयाप्रदा के अश्रुपूरित नेत्रों ने उन्हें मतदाताओं की सहानुभूति तो दिलायी लेकिन जीत के लिए पर्याप्त वोट नहीं।कांग्रेस आलाकमान से अनुरोध कर फतेहपुर सीकरी सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के लिए उनका यह फैसला फलदायी नहीं रहा। पड़ोस की आगरा सीट से दो बार और फीरोजाबाद सीट पर हुए उप चुनाव में तीसरी बार सांसद चुने जा चुके राजबब्बर सीकरी सीट पर बुरी तरह पिट गए। उन्हें भाजपा के राजकुमार चाहर ने 4.9 लाख से अधिक वोटों से पटकनी दी। चाहर को जहां 6.62 लाख वोट मिले, वहीं राजबब्बर सिर्फ 1.7 लाख वोट ही जुटा सके।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Umesh Tiwari
Source: Dainik Jagran May 24, 2019 13:52 UTC