बरेली [वसीम अख्तर] : तत्काल तीन तलाक पर रोक का कानून दुस्साहस दिखाने वाले शौहर को तो जेल तक ले जाने की वजह बनेगा ही, साथ में फतवा जारी करने वाले दारुल इफ्ता (शरई अदालत) के मुफ्तियों को भी मुश्किल में डाल देगा। तत्काल तीन तलाक को शरीयत की रोशनी में जायज ठहराते ही कानूनी शिकंजा कस जाएगा। इन हालात में तलाक से जुड़े मामलों में लिखित फतवे जारी होने का सिलसिला रुकेगा। दारुल इफ्ता के मुफ्ती भी मानते हैं कि हालात दुश्वार होने जा रहे हैं।फतवे हमेशा ही देशभर में चर्चा का विषय रहे हैं। सबसे ज्यादा फतवे निकाह, तलाक और हलाला को लेकर ही मांगे जाते हैं। तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली निदा खान के खिलाफ दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से जारी फतवे ने तो देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं। पिछले साल जुलाई में तीन तलाक पीड़िताओं व हलाला पीड़िताओं की आवाज उठाने पर उनके खिलाफ दिए गए फतवे में कहा गया कि वह इस्लाम से खारिज हैं। बीमार पड़ जाएं तो कोई उन्हें देखने न जाए। मर जाएं तो दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जमीन नहीं दी जाए।यह भी पढ़ें : सुरक्षा का एहसास होते ही मुस्लिम महिलाओं में जश्न : www.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-tripple-talaq-muslim-women-celebrating-as-soon-as-they-were-security-is-realized-bareilly-news-19448625.htmlहालांकि फतवा देने और लेने वालों के खिलाफ मुकदमा हुआ लेकिन, पुलिस ने कमजोर धाराओं में चार्जशीट दाखिल करके फतवा देने वाले मुफ्तियों को राहत दे दी थी। अब तत्काल तीन तलाक पर रोक का कानून आने से फतवे भी इसके दायरे में आ जाएंगे, क्योंकि एक साथ तीन तलाक को अपराध मान लिया गया है तो फिर फतवे के जरिये उसे वैध ठहराना भी कानून का उल्लंघन ही माना जाएगा। केंद्र ने इसे अपराध ठहराते हुए विधेयक में तत्काल तीन तलाक कहने वाले शौहर को तीन साल की सजा का प्रावधान किया है।दारुल इफ्ता के लिए शरीयत को लेकर पूछे गए लिखित सवाल का जवाब देना होगा मुश्किलदारुल इफ्ता से कोई शरीयत का हुक्म पूछता है तो उसे फतवे की शक्ल में लिखित या मौखिक बता दिया जाता है। मानना या न मानना उसका काम है। तीन तलाक के बारे में भी ऐसा होता रहा है। अब चूंकि सरकार कानून ले आई है तो इस पर फतवा जारी करना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा। - मुफ्ती नश्तर फारूकी, मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हजरतयह भी पढ़ें : तीन तलाक कानून से घटेगा शरिया अदालतों का वजूद : www.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-sharia-courts-exist-due-to-three-divorce-laws-bareilly-news-19451789.htmlअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Abhishek Pandey
Source: Dainik Jagran August 02, 2019 05:26 UTC