नई दिल्ली, एएनआइ। Rafale review petition: सुप्रीम कोर्ट में दिसंबर 2018 के राफेल पुनर्विचार याचिका को लेकर याचिकाकर्ताओं ने एक और हलफनामा दायर किया है। याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर इस हलफनामें को अनुसार केंद्र ने कोर्ट को गुमराह किया, उसमें त्थ्यों को छिपाया और फ्रॉड के आधार पर फैसला करवाया। बता दें कि कोर्ट ने इस दौरान इस डील को जारी रखने का फैसला किया था।Petitioners have filed affidavit in SC Rafale review petition against the court's Dec 2018 judgement upholding the deal.Petitioners say, "Centre has mislead&suppressed material facts in the note it had submitted&obtained impugned judgement on basis of fraud played upon the court" pic.twitter.com/EQp97vcB0c — ANI (@ANI) May 9, 2019इससे पहले शनिवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले में एक नया हलफनामा दाखिल किया था। केंद्र ने गोपनीय दस्तावेज के खुलासे से देश की संप्रभुता पर खतरा बताया था और इस याचिका खारिज करने की मांग की थी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर को फ्रांस से 36 राफेल फाइटर प्लेन खरीद प्रक्रिया की जांच का आदेश देने से मना कर दिया था।इस आदेश के खिलाफ पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट 10 अप्रैल दोबारा सुनवाई करने के लिए राजी हुआ था। तब मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने लीक हुए दस्तावेजों को वैध माना था। सरकार ने दलील दी थी कि इन दस्तावेजों को खारिज किया जाना चाहिए।अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिका खारिज करने की मांग की थी। दलील दी गई थी कि तीनों याचिकाओं में जिन दस्तावेजों का प्रयोग हुआ है, उस पर सरकार का विशेषाधिकार है। लिहाजा उन दस्तावेजों को याचिका से हटाया जाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को नहीं माना था।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Tanisk
Source: Dainik Jagran May 09, 2019 08:37 UTC