भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) गवर्नर शक्तिकांत दास का पहली पॉलिसी में जोश 'हाई' दिखा। उन्होंने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी, जिसके बाद रीपो रेट 6.50% से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है। दरें घटने का सीधा मतलब यह है कि बैंकों को आरबीआई से सस्ता कर्ज मिलेगा यानि आम आदमी के लिए भी कर्ज सस्ता हो जाएगा।ग्रोथ को बूस्ट करने वाले इस कदम से बैंक आने वाले दिनों में होम लोन, वाहन तथा अन्य निजी वस्तुओं की खरीद और उद्योग धंधे के लिए कर्ज सस्ता कर सकते हैं। नए गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीस) की पहली बैठक थी और शक्तिकांत दास ने दरें घटाने के साथ-साथ पॉलिसी का रुख जो कि अभी तक 'नपी-तुली कठोरता'वाला था, उसे भी न्यूट्रल कर दिया है। इससे संकेत मिलता है कि रिजर्व बैंक आगे चल कर रेपो दर में और कमी कर सकता है।आरबीआई ने महंगाई पर अनुमान घटा दिया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में महंगाई के 4 फीसदी से नीचे रहने का अनुमान है। ऐसे में आगे और ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश रहेगी।शक्तिकांत दास ने कहा, 'मुद्रास्फीति का अनुमान कम करते समय बजट में किए गए विभिन्न प्रस्तावों और फिस्कल घाटे के लक्ष्य से आगे निकलने की आशंका को भी ध्यान में रखा गया है। केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि अर्थव्यवस्था के किसी भी क्षेत्र के लिए नकदी की कमी नहीं हो।'बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने बताया कि, ' यह बोरोवर्स के लिए बहुत अच्छी खबर है, खासकर वे लोग जो रियल इस्टेट में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। रेट कट बाजार में उत्साह दिखाई देगा। अगर 40 लाख रुपये का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए 8.85% इंटरेस्ट रेट पर लिया गया है, तो 25 बीपीएस की कटौती का मतलब है 8.6% और एेसे में आपको 45.4 लाख की बजाय 43.9 लाख रुपये इंटरेस्ट के रूप में भरने होंगे। इसका मतलब ये फैसला आपको आगे की अवधि के लिए 1.5 लाख रुपये की बचत कर देगा।एचडीएफसी बैंक के चीफ इकॉनमिस्ट अभिजित बरूआ ने कहा, 'RBI ने अपने स्वयं के नियम का पालन किया। आरबीआई की शब्दावली में ग्रोथ, प्राइस स्टेबिल्टि के रिस्क के रूप में नहीं, बल्कि एक वैध लक्ष्य के रूप में दिखाई दी। हां, पॉलिसी में फिस्कल चिंताओं और मुद्रास्फीति के नतीजों को कम आंका गया है।'
Source: Navbharat Times February 08, 2019 03:22 UTC