Punjab Politics: पंजाब में एक मुख्यमंत्री, दूसरा सुपर सीएम; हाईकमान की स्थिति सांप-छछूंदर जैसी - News Summed Up

Punjab Politics: पंजाब में एक मुख्यमंत्री, दूसरा सुपर सीएम; हाईकमान की स्थिति सांप-छछूंदर जैसी


Punjab Politics यह डबल इंजन सरकार कैसे चलेगी? एक मुख्यमंत्री दूसरा सुपर सीएम! चुनाव आसन्न हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी नई पार्टी बना ली है। इससे वह कांग्रेस का ही वोट काटेंगे। पंजाब में उनका अच्छा खासा जनाधार है।रघोत्तम शुक्ला। पंजाब में कांग्रेस अपने ही बुने जाल में फंसती नजर आ रही है। विगत में प्रदेश में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत दिलाने वाले और साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रह चुके अमरिंदर सिंह को सत्ता से च्युत करने के बाद ही कांग्रेस की मुश्किलों का सूत्रपात हो गया था। हाईकमान को लगा था कि अमरिंदर चुपचाप इसे सहन कर लेंगे।पार्टी ने सोचा होगा कि चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर दलित वोट सध जाएंगे और नवजोत सिंह सिद्धू को दल का प्रदेश अध्यक्ष बनाने से जट सिख पार्टी की झोली में आ जाएंगे। हिंदुओं को साधने के लिए ओपी सोनी उप मुख्यमंत्री बनाए गए। वोट गणित के चलते एक और उप मुख्यमंत्री बने सुखजिंदर रंधावा। हालांकि यह बिसात कामयाब होती नहीं दिखाई दे रही है।अमरिंदर सिंह नतमस्तक नहीं हुए और उन्होंने खुली बगावत कर दी। भाजपा से संपर्क साधा और अब अपनी नई पार्टी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ बना ली है। इससे वह कांग्रेस का ही वोट काटेंगे। इधर हिंदू कांग्रेस से पहले से ही नाराज बैठे हैं, क्योंकि सुनील जाखड़ को अध्यक्ष पद से हटाया गया और दो बड़े पदों में से एक भी हिंदुओं की झोली में नहीं आया।इस फेल होती गणित के बीच नवजोत सिद्धू नई मुश्किलें खड़ी करते जा रहे हैं। दरअसल वे भाजपा छोड़ कांग्रेस में गए ही थे मुख्यमंत्री बनने, किंतु उनका यह सपना आज तक पूरा नहीं हुआ। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर सिद्धू को यह भ्रम हुआ कि शायद वे उनके रिमोट से संचालित हों, पर ऐसा नहीं हुआ। फलत: उन्होंने महाधिवक्ता और पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर वितंडा खड़ा किया और आनन-फानन में इस्तीफा दे दिया। इस बीच उन्होंने एक अवसर पर चन्नी के लिए अपशब्द भी प्रयोग किए। मानमनौवल का दौर चला। चन्नी ने चतुराई दिखाई। महाधिवक्ता का इस्तीफा तो करवा लिया किंतु स्वीकार नहीं किया।सिद्धू अपनी ही सरकार के क्रियाकलापों पर निशाना साधते रहे। वे अध्यक्ष होकर भी कांग्रेस के मुख्यालय-पंजाब भवन-नहीं जाते। अब हाईकमान के भी हाथ-पैर फूल गए। उसकी बाजीगरी काम आती नहीं दिखी। अत: महाधिवक्ता का त्यागपत्र मंजूर हो गया। पुलिस प्रमुख को भी बदलने की तैयारी है। ज्ञातव्य है कि महाधिवक्ता सरकार की पसंद का वकील होता है और सरकार बदलने पर परंपरानुसार वह त्यागपत्र भी दे देता है। यहां सरकार चन्नी की और महाधिवक्ता सिद्धू की पसंद का होगा, जो सरकार का अंग नहीं हैं। यह डबल इंजन सरकार कैसे चलेगी? एक मुख्यमंत्री दूसरा सुपर सीएम! चुनाव आसन्न हैं। कांग्रेस में मनोरंजक सर्कस चल रहा है। हाईकमान की स्थिति सांप छछूंदर जैसी हो गई है। अब सिद्धू को रखने और हटाने दोनों में नुकसान है। कांग्रेस किंकर्तव्यविमूढ़ है। ऐसे में परिणाम हानिकारक ही होंगे।(लेखक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं)


Source: Dainik Jagran November 13, 2021 15:22 UTC



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