रविवार को भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु और जापान की नोजोमी ओकुहारा के बीच प्रतिस्पर्धा का एक और नजारा देखने को मिला। और इस बार भारतीय खिलाड़ी भारी पड़ीं। रविवार को चीन में वर्ल्ड टूर फाइनल्स में सिंधु ने जापानी खिलाड़ी को हराकर इस साल का अपना पहला खिताब जीता। यह उनका 14वां करियर खिताब और सीजन का पहला खिताब है।23 वर्षीय इस खिलाड़ी ने सेमीफाइनल में थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन को 21-16, 25-23 के कड़े मुकाबले में हराकर लगातार दूसरे साल फाइनल में जगह बनाई थी। सिंधु को पिछले साल फाइनल में ओकुहारा से ही हार का सामना करना पड़ा था। दुनिया की छठे नंबर की खिलाड़ी ने लगातार बीते साल फाइनल खेलने के बाद खिताब पर कब्जा किया है।2016 रियो ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट सिंधु ने मैच की शुरुआत ही आक्रामकता से की। हालांकि मैच का पहला पॉइंट ओकुहारा ने जीता लेकिन सिंधु ने जल्द ही वापसी करते हुए बढ़त बना ली। उन्होंने अपनी लंबाई का फायदा उठाते हुए अच्छे स्मैश लगाए और शटल को जापानी खिलाड़ी की पहुंच से दूर रख पॉइंट्स बटोरे।सिंधु 5-1 से आगे थी इसके बाद ओकुहारा ने कुछ वापसी करते हुए अंतर को कम करके स्कोर को 7-5 कर दिया। हालांकि इसके बाद सिंधु ने फिर अच्छा कोर्ट कवर किया और नोजोमी ओकुहारा को कुछ गलतियां करने पर कमजोर किया। पहले गेम में ब्रेक तक सिंधु 11-6 से आगे थीं।ब्रेक के बाद सिंधु ने अपनी बढ़त को बढ़ाकर 14-6 कर लिया। यहां लगने लगा था कि सिंधु इस गेम में आसानी से जीत हासिल कर लेंगी लेकिन जापानी खिलाड़ी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। उन्होंने अच्छा कोर्ट कवर किया और सिंधु के लिए पॉइंट्स हासिल करने मुश्किल कर दिए। स्कोर 16-16 तक बराबर पहुंच गया। दोनों खिलाड़ियों के बीच काफी संघर्ष देखने को मिला। सिंधु ने 20-17 की बढ़त बना ली लेकिन ओकुहारा ने दो पॉइंट्स जीतकर मैच को रोमांच बढ़ा दिया लेकिन आखिर में सिंधु ने अंक जीतकर पहला गेम 21-19 से अपने नाम कर लिया।सिंधु ने दूसरे गेम में भी अच्छी शुरुआत की और 5-2 की बढ़त ले ली। चेंजओवर के समय सिंधु 11-9 से आगे थीं। ओकुहारा ने सिंधु पर लंबी रैली खेलने का दबाव बनाया। लेकिन ओकुहारा के एरर्स ने सिंधु को मैच में आगे बनाए रखा। सिंधु के पास दूसरे गेम में 20-17 की बढ़त थी और उन्होंने पहले ही मौके में अंक हासिल कर एक साल से चले आ रहे सूखे का अंत किया। वह इस खिताब को जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी भी बन गईं।इससे पहले सिंधु ने सेमीफाइनल में 2013 की वर्ल्ड चैंपियन रतचानोक इंतानोन को हराया था। वहीं ग्रुप के अपने मैच में उन्होंने दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताइ जू यिंग को हराया था। सिंधु इससे पहले फाइनल पड़ाव को पार करने में सात बार असफल रही थीं। उन्हें इंडिया ओपन, कॉमनवेल्थ गेम्स, थाईलैंड ओपन और वर्ल्ड चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था।
Source: Navbharat Times December 16, 2018 06:16 UTC