Dainik Bhaskar May 28, 2019, 06:52 PM ISTमेडिकल छात्रा पायल ने 22 मई को अपने कमरे में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थीमां का आरोप- आदिवासी समुदाय से होने के कारण बेटी को तीन सीनियर प्रताड़ित कर रही थींमुंबई. यहां बीवाईएल नायर हॉस्पिटल की मेडिकल छात्रा की आत्महत्या मामले में मंगलवार को पहली गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने भक्ति मेहरे नाम की महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया। अन्य दो डॉक्टरों की तलाश के लिए छापेमारी की जा रही है। इससे पहले सुबह हॉस्पिटल प्रशासन ने प्रसूति विभाग की प्रमुख को निलंबित कर दिया गया। साथ ही, जांच तक तीनों आरोपी महिला डॉक्टरों को भी सस्पेंड कर दिया गया। नायर अस्पताल की 26 साल की छात्रा पायल तड़वी ने 22 मई को अपने कमरे में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी।पायल की आत्महत्या के बाद उनकी मां ने भी अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया। मां ने कहा कि आदिवासी समुदाय से होने के कारण उनकी तीन वरिष्ठ डॉक्टर उसे लगातार प्रताड़ित करती थी। वे उनके लिए बार-बार जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल करती थी। मां ने बताया कि बेटी ने फोन पर हुई बातचीत में कई बार इसका जिक्र किया था। हालांकि, हॉस्पिटल के डीन ने प्रताड़ना के आरोप को गलत बताया था।शिवसेना ने 'सामना' में उठाया सवालपायल की आत्महत्या को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में सवाल उठाए हैं। इसमें कहा गया है कि पायल तड़वी की दर्दनाक दास्तान महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील कहलाने वाले समाज पर सवालिया निशान है। रैगिंग विरोधी कानून बने दो दशक बीत चुके हैं। लेकिन, हालात वैसे के वैसे हैं। अभी तक रैंगिंग का भूत बोतल में बंद नही हो सका है और यह इस समाज की भयंकर सच्चाई है।कन्हैया ने लिखा- जातिवाद ने डॉक्टर की जान ले लीइस मामले में अखिलेश यादव, जिग्नेश मेवानी के अलावा जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया है। कन्हैया ने लिखा है- जातिवाद ने पायल जैसी प्रतिभाशाली डॉक्टर की जान ले ली। दोषियों को सजा दिलाने की मांग करने के साथ जातिगत भेदभाव के तमाम मामलों में न्याय दिलाने के लिए पूरे देश के स्तर पर आंदोलन करने की जरूरत है। रोहित वेमुला के मामले में भी अभी तक दोषियों को सजा नहीं मिली है।
Source: Dainik Bhaskar May 28, 2019 06:57 UTC