MP में जूनियर डॉक्टरों को चेतावनी: मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर ने कहा- मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने पर बांड के 10 से 30 लाख रुपए देना होंगे - News Summed Up

MP में जूनियर डॉक्टरों को चेतावनी: मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर ने कहा- मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने पर बांड के 10 से 30 लाख रुपए देना होंगे


Hindi NewsLocalMpMadhya Pradesh Doctors Strike Vs Shivraj Singh Chouhan Govt; Medical Education Commissioner Nishant Varwade On Juda AssociationMP में जूनियर डॉक्टरों को चेतावनी: मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर ने कहा- मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने पर बांड के 10 से 30 लाख रुपए देना होंगेभोपाल 6 घंटे पहलेकॉपी लिंकएक जून को हमीदिया अस्पताल में जूडा हड़ताल के दौरान प्रदर्शन करते हुए।नियम वर्ष 2018 से प्रवेशित सभी विद्यार्थियों पर लागू हैकोर्ट के आदेश पर सरकार ने जारी किए निर्देशमध्यप्रदेश हाई कोर्ट द्वारा 24 घंटे पूरे होने के बाद भी जूनियर डॉक्टर काम पर वापस नहीं आए हैं। इसके बाद अब सरकार जूडा के खिलाफ एक्शन के मूड में आ गई है। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े ने बताया, मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने वाले जूनियर डॉक्टर को बांड के अनुसार 10 से 30 लाख रुपए भरने होंगे। सरकार ने मेडिकल कॉलेज के डीन को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।गौरतलब है कि एक दिन पहले जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा 468 जूनियर डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद अब नई चेतावनी दी गई है।चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े ने बताया, यूजी और पीजी में नीट से सिलेक्टेड स्टूडेंट्स को मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में मैरिट के आधार पर एडमिशन के लिए सरकार द्वारा "मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018 एवं संशोधन 19 जून, 2019'' के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। उपरोक्त नियम की कण्डिका-15 (1) (ख) के अनुसार निर्धारित समय-सीमा के बाद अभ्यर्थी द्वारा सीट छोड़ने पर उस पर बांड की शर्तें लागू होंगी।आयुक्त वरवड़े बताया, इसके अनुसार 10 लाख रुपये (प्रवेश वर्ष 2018 व 2019) और 30 लाख रुपये (प्रवेश वर्ष 2020) स्वशासी संस्था को देना होगा। प्राइवेट मेडिकल एवं प्राइवेट डेंटल कॉलेज की सीट छोड़ने पर संबंधित कॉलेज में संचालित पाठ्यक्रम में पूरा शैक्षणिक शुल्क देना होगा।जूडा V/s सरकार:सरकार बोली- मरीजों के साथ ब्लैकमेलिंग ठीक नहीं, जूडा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट जाएंगेवरवड़े ने बताया कि उपरोक्त नियम वर्ष 2018 से प्रवेशित सभी विद्यार्थियों पर प्रभावशील है। आयुक्त ने कहा कि सभी डीन को निर्देश दे दिए हैं। इस संबंध में संभागायुक्त अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे। लगातार डॉक्टरों की सुविधाएं के लिए कदम उठा रहे हैं। अब कोर्ट के आदेश अनुसार कार्रवाई की जा रही है। अस्पतालों में स्टाफ बढ़ाने के लिए हम पहले से ही कार्रवाई कर रहे हैं।5 मेडिकल कॉलेजों के 468 PG स्टूडेंट्स बर्खास्त:हाईकोर्ट द्वारा जूनियर डाॅक्टर्स की हड़ताल अवैध घोषित करते ही आदेश जारी; विरोध में करीब 2500 स्टूडेंट्स का इस्तीफाजूनियर डॉक्टरों से बात करने और उनके काम पर लौटने की अपील करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी ट्वीट किया है।


Source: Dainik Bhaskar June 04, 2021 14:59 UTC



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