रावणलीला उर्फ कलजुग की माया नाट्य प्रस्तुतिएनबीटी, लखनऊ: मौजूदा दौर में आस्था, नैतिकता, संवेदनाओं और रिश्तों के मूल्य गिर रहे हैं। स्वार्थ में सबकुछ पैसों के लेनदेन तक सिमट गया है। समाज के इन्हीं दृश्यों को कलाकारों ने लोक नाट्य शैली नौटंकी में मंच पर बखूबी पेश किया। वरिष्ठ रंगकर्मी राजवीर रतन के लेखन, निर्देशन में रावणलीला उर्फ कलजुग की माया की नाट्य प्रस्तुति रविवार को हुई।नक्कारा, ढोलक, हारमोनियम की मधुर धुनों के हास्य-व्यंग्य के संवादों में पिरोयी नौटंकी ने जहां ग्रामीण लोकरंगों की तस्वीर पेश की। रंगमंच के कलाकारों ने बतौर नौटंकी कलाकार के रूप में पहली प्रस्तुति में अभिनय से खूब प्रभावित किया। कलाकार नाट्य प्रस्तुति की शुरुआत जिगरपुर गांव की रामलीला की स्थितियों से करते हैं। जहां नौटंकी के मौजूदा प्रचलित भद्दे स्वरूप को कलाकार खारिज करते हैं। आगे रामलीला बीच-बीच में कलाकारों की निजी परेशानियों, संसाधनों के अभाव, आर्थिक कमजोरी को बखूबी पेश किया गया।रामलीला के दृश्यों ने खूब हंसायाहास्य व्यंग्य के दृश्य और संवादों में पिरोयी प्रस्तुति में कलाकारों ने दिखाया कि रामलीला कलाकार समस्याओं से कैसे जूझते और कैसे निपटते हैं। रावण के दरबार में शूर्पणखा की कटी नाक के साथ रोना, लीला में मारीच-रावण संवाद, सीताहरण, अशोक वाटिका प्रसंग, रावण के दरबार में हनुमान का आना, विभीषण का निकाला जाना, अंगद का आना और राम-रावण के युद्ध के प्रसंगों के बीच हास्य व्यंग्य पैदा करती स्थितियों को देख दर्शक खूब हंसे। नाट्यकर्मियों ने दर्शकों को कलाकारों की वास्तविक स्थितियों से रूबरू करवाया। जॉइन हैंड्स फाउंडेशन की ओर से संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से प्रस्तुति एक महीने की कार्यशाला के बाद हुई। विकास शर्मा, विश्वजीत, देवेंद्र, राधेश्याम, अजय अवस्थी, पावनी, डॉ़ दिनेश शर्मा, सुमित, राज मल्होत्रा, प्रशांत, रोहित, पार्थ, अंशुमान, आश्वित रतन ने अभिनय किया। वरिष्ठ लोक कलाकार मेराज आलम, नक्कारा नवाज सुनील कुमार विश्वकर्मा, गायन व हारमोनियम कमलाकांत मौर्य ने संगत की। दृश्यबंध धरमश्री सिंह, वेशभूषा निर्देशन सुरेंद्र तिवारी व नृत्य निर्देशन ज्योतिकिरन रतन व ईशा मिशा ने किया।
Source: Navbharat Times February 18, 2019 00:56 UTC