साबला | वागड़ कुंभ कहे जाने वाले बेणेश्वर मेला में जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा के द्वारा की गई पहल पर पहली बार बेणेश्वर मेला में ‘वागड़ श्री’ और ‘वागड़ नी रूपारी’ का ताज़ सजेगा। बेणेश्वर मेला में मुख्य मेला 19 फरवरी को ‘वागड़ श्री’ एवं ‘वागड़ नी रूपारी’ प्रतियोगिताओं के साथ ही साफा बांधों प्रतियोगिता रंगमंच पर होगी। जिला खेल अधिकारी महेश गौतम ने बताया कि ‘वागड़ श्री’ और ‘वागड़ नी रूपारी’ दोनों प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का पहनावा, वेषभूषा, आभूषण, प्रस्तुति आदि वागड़ संस्कृति के अनुरूप से ओत-प्रोत होना आवश्यक है । प्रतिभागियों को वागड़ संस्कृति इतिहास, परंपराओं आदि से संबंधित प्रश्नोत्तरी की परीक्षा से भी गुजरना होगा। ‘वागड़ श्री’ और ‘वागड़ नी रूपारी’ को आकर्षक ट्राफी प्रदान की जाएगी तथा पांच हजार राशि के पुरस्कार से भी नवाजा जाएगा।बेणेश्वर मेले में खेल प्रतिभाएं दिखा रही है दमखम, महिलाएं भी ले रही है उत्साह से भाग : डूंगरपुर। जिले में चल रहे बेणेश्वर मेले में खेल प्रतिभाएं अपना पूरा दमखम दिखा रही है। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, जिला प्रशासन एवं जिला खेल विभाग के तत्वावधान में बेणेश्वर मेले में आयोजित की जा रही खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी पूरे उत्साह से भाग ले रहे हैं। खेल में पुरुष वर्ग के साथ-साथ महिलाएं भी पूरे उत्साह के साथ भाग ले रही है। शनिवार को खेल प्रतियोगिता तीरंदाजी में लगभग चालीस प्रतिभागियों ने पुरुष वर्ग में तथा तीस प्रतिभागियों ने महिला वर्ग में भाग लिया। तीरंदाजी 30 मीटर में बालिका वर्ग में प्रथम नव्या डामोर, द्वितीय पार्वती मईडा, तृतीय सुनीता मईडा व चौथे स्थान पर सीता मईडा विजेता रही। बालक वर्ग 20 मीटर में प्रथम राहुल मईडा, द्वितीय सुरेश मईडा बांसवाड़ा व तृतीय श्यामलाल मीणा बांसवाड़ा व चौथे स्थान पर पुष्पेंद्र सिंघाड़ा रहे। महिला वर्ग तीस मीटर में प्रथम रेणुका रोत डूंगरपुर, द्वितीय तारा कटारा बिलड़ी डूंगरपुर, तृतीय सीमा मईडा व चौथे स्थान पर मोनिका भगोरा रहे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 18 फरवरी को एथलेटिक्स बालक व बालिका वर्ग के लिए तथा पुरुष वर्ग में वालीबॉल प्रतियोगिता सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक होगी।बेणेश्वर मेला हो शहीदों के नामदेश आतंकी हमले दर्द से बेचने हैं, बेणेश्वर धाम पर होने वाले आयोजन में देशभक्ति सर्वोपरि हो...आतंकियों के हमले में हमारे 44 जवान शहीद हो गए। इससे देशभर में शोक की लहर है। इनकी शहादत में कई आयोजन रद्द कर दिए गए हैं। बाजार बंद रहे। इसी बीच बेणेश्वर धाम पर हमारा राष्ट्रीय मेला शुरू हुआ। यह मेला हमारी पहचान है, भास्कर अपील करता है कि राष्ट्रीय स्तर का बेणेश्वर मेला क्यों न इस बार शहीदों के नाम हो। इसलिए मेले में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के आयोजन में से हर रोज एक आयोजन शहीदों के नाम किया जाए। जिले के कई सामाजिक संगठनों और आम लोगों ने भास्कर तक अपनी भावनाएं पहुंचाई। शहरवासी चाहते हैं कि कार्यक्रम हो। लेकिन इसमें देशभक्ति को सर्वोपरि रखा जाए। हर कार्यक्रम शहीदों को समर्पित हो। प्रशासन से अपील है कि सभी कार्यक्रम यथावत रहे, पर हम जब इन्हें देखे तो लगे कि देश के प्रति हमारा जज्बा पहली प्राथमिकता पर है....साबला. बेणेश्वर मेले में रविवार को भजन प्रस्तुत करते गायक।सोमवार को प्रशासन, टीएडी एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों में रामनाथ कालबेलिया दल, कालबेलिया नृत्य, पुरुषोत्तम दल द्वारा घूमर, चरी एवं तेरहताल, सुग्रीव सहरिया दल द्वारा सहरिया स्वांग, उकाराम परिहार दल द्वारा लाल आंगी गैर, मेहमूद खां मेवाती दल द्वारा भपंग, हरदीप सिंह दल द्वारा भांगड़ा, अंगरिया भाई दल की ओर से राठवा नृत्य, महाराष्ट्र से आए दल द्वारा लावणी व सौंगी मुखोटे की आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएगी।
Source: Dainik Bhaskar February 18, 2019 00:22 UTC