मायावती के बाद अखिलेश ने कहा- SP अकेले लड़ेगी उपचुनावXयूपी में अब उपचुनाव अकेले लड़ने का ऐलान करते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा समाजवादी पार्टी पर फोड़ा। मायावती ने कहा कि उन्हें यादव वोट नहीं मिले। मायावती के इस बयान पर अब समाजवादी पार्टी की तरफ से कड़ा पलटवार किया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने दो टूक कहा कि बीएसपी से बड़ी पार्टी एसपी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यादवों ने वोट नहीं दिया होता तो बीएसपी 10 की जगह 4 या 5 सीटों पर ही सिमट जाती।बता दें कि मंगलवार को समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन टूटने की चर्चाओं के बीच बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने खुद आकर स्थिति साफ की है और फिलहाल गठबंधन पर ब्रेक लगाने की पुष्टि की। इस दौरान मायावती ने कहा कि जब यादव बाहुल्य सीटों पर भी यादव समाज का वोट एसपी को नहीं मिला तो सोचने की बात है। उन्होंने कहा कि एसपी का बेस वोट बैंक यदि उससे छिटक गया है तो फिर उनका वोट बीएसपी को कैसे गया होगा।इस दौरान एसपी कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए मायावती ने कहा, 'एसपी ने अच्छा मौका गंवा दिया है। एसपी को सुधार लाने की जरूरत है। एसपी को भी बीजेपी के जातिवादी और सांप्रदायिक अभियान के खिलाफ मजबूती से लड़ने की जरूरत है। यदि मुझे लगेगा कि एसपी प्रमुख राजनीतिक कार्यों के साथ ही अपने लोगों को मिशनरी बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो फिर हम साथ चलेंगे। यदि वह इस काम में सफल नहीं हो पाते हैं तो हमारा अकेले चलना ही बेहतर होगा।'मायावती के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने अब कड़ा पलटवार किया है। रामगोपाल यादव ने कहा, उपचुनाव में एसपी अपने प्रत्याशी खड़ी करेगी। हम बीएसपी से बड़ी पार्टी हैं। एसपी कैडर ने बीएसपी के समर्थन के लिए चुनाव में कड़ी मेहनत की है। मायावतीजी ने गलत व्याख्या की है। अगर यादवों ने वोट नहीं दिया होता तो बीएसपी 10 नहीं बल्कि 4-5 सीटों पर सिमट जाती।'उधर, एसपी के राष्ट्रीय महासचिव रमाशंकर विद्यार्थी ने भी मायावती के बयान पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का साथ ना मिला होता तो बीएसपी का वजूद खत्म हो गया होता। बीएसपी गठबंधन टूटने के एक सवाल पर विद्यार्थी ने कहा, बसपा प्रमुख मायावती 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली कहावत को चरितार्थ कर रही हैं। वास्तविकता यह है कि एसपी के मतदाताओं ने हर सीट पर महागठबंधन की विजय के लिए जीतोड़ कोशिश की। जिस दल और कार्यकर्ताओं के समर्थन की बदौलत मायावती अपने दल का अस्तित्व बचाने में सफल हुई हों, उन पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। विद्यार्थी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एसपी ने बीएसपी को समर्थन ही नहीं दिया बल्कि खुद को समर्पित कर दिया था। मायावती इस समर्पण को भूल समझ बैठी हैं।
Source: Navbharat Times June 04, 2019 09:49 UTC