Lok Sabha Election 2019 में मिली हार का एक आफ्टर इफेक्ट यह भी है। हार के बाद लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) अकेले पड़ते दिख रहे हैं। लालू परिवार के खिलाफ बयानबाजी भी तेज है। यहां तक कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) ने भी हार का ठीकरा तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की लड़ाई पर फोड़ा है।लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में आरजेडी का खाता तक नहीं खुल सका है, जबकि पार्टी ने बिहार में अपने 20 प्रत्याशी उतारे थे। विपक्षी महागठबंधन (Grand Alliance) के भी कई बड़े फैसले भी आरजेडी ने ही किए थे। ऐसा आरजेडी की स्थापना के बाद पहली बार हुआ है। इस कारण लालू प्रसाद यादव परेशान हैं। हार को लेकर उनके दोनों बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप निशाने पर आ गए हैं।अब आरजेडी इस हार की समीक्षा को लेकर मंगलवार से दो दिवसीय बैठक कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर बुलाई गई इस बैठक में पार्टी के सभी तमाम बड़े नेता उपस्थित हैं। इस बीच पार्टी में कुछ नेता नेतृत्व के प्रति नाराजगी भरा बयान जारी कर चुके हैं। इसमें पार्टी के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह भी शामिल हैं।पार्टी की हार को लेकर लालू परिवार को घेरता सबसे बड़ा बयान रघुवंश प्रसाद सिंह ने दिया है। उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव व तेज प्रताप यादव के झगड़े में बंटाधार हो गया। महागठबंधन के साथ-साथ आरजेडी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस प्रकरण में उन्होंने तेज प्रताप यादव पर कार्रवाई की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि तेज प्रताप की वजह से काफी नुकसान हुआ। मालूम हो कि रघुवंश प्रसाद सिंह खुद वैशाली से चुनाव मैदान में थे, जहां वे बड़े अंतर से हार गए।पार्टी विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में नेतृत्व करने वाले तेजस्वी यादव से नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा तक मांगा है। उधर, जहानाबाद के पार्टी प्रत्याशी रहे सुरेंद्र यादव ने अपनी हार के लिए खुलकर लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव को जिम्मेदार बताया है। इस पृष्ठभूमि में आरजेडी की आज की बैठक के हंगामेदार होने के आसार हैं। इसमें नेतृत्व पर भी सवाल उठेंगे।हार के बाइ इधर पार्टी संकट में है तो उधर चारा घोटाले के मामलों में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो फिलहाल रांची के रिम्स (अस्पताल) में भर्ती हैं। उनकी तबीयत ठीक नहीं है। लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद उनकी तबीयत भी खराब होने की सूचना मिली थी। उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था। हालांकि, अब उनकी स्थिति में सुधार की बात कही जा रही है।खास बात यह है कि चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद लालू प्रसाद यादव अकेले पड़ते दिख रहे हैं। हार के बाद उनसे मुलाकात करने कोई भी बड़ा नेता नहीं गया है। परिवार का भी कोई सदस्य उनसे मिलने नहीं गया है।स्पष्ट है, पार्टी में नेतृत्व के प्रति असंतोष जाहिर हो चुका है। रघुवंश प्रसाद सिंह का तेजस्वी व तेज प्रताप को लेकर बयान गहरे मायने रखता है। विधायक महेश्वर यादव द्वारा तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करने का सीधा अर्थ लालू की अनुपस्थिति में उन्हें नेतृत्व सौंपने के फैसले पर सवाल उठाना है। उपर से उन्होंने यह धमकी भी दी है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते हैं तो पार्टी में टूट होगी। उन्होंने पार्टी की कमान किसी सीनियर नेता के हाथों में सौंपने की बात कही है।पार्टी में उठे विरोध के सुर के बीच तेजस्वी के पक्ष में भी गोलबंदी है। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। पार्टी लालू यादव के नाम से जानी जाती है। तेजस्वी के इस्तीफे से पार्टी ही खत्म हो जाएगी। पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों पर हमलावर आरजेडी के विजय प्रकाश कहते हैं कि ऐसे लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं।बहरहाल, एक बात साफ है कि पार्टी में वह पहले वाली बात नहीं दिख रही। विरोध के सुर फूट पड़े हैं। ऐसे में हार के बाद से लालू परेशान हैं। जेल में बेबस अकेले पड़ गए लालू की चिंता पार्टी के भविष्य को लेकर है। इन सब बातों के बीच यह बड़ा सवाल अभी तक अनुत्तरित है कि क्या तेज प्रताप के खिलाफ कार्रवाई होगी? लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Amit Alok
Source: Dainik Jagran May 28, 2019 06:02 UTC