मोगा में बहोना डिस्पोजल से ओवरफ्लो टैंक की सीवेज बिना ट्रीट किए सीधे सेमनाले में डाला जा रहा है। दैनिक जागरण की पड़ताल में सामने आया कि गांव का अनट्रीटेड पानी भी सेमनाले के माध्यम से सतलुज नदी में पहुंच रहा है।सत्येन ओझा/राजकुमार राजू, मोगा। नगर निगम ने एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के चेयरमैन को जस्टिस जसवीर सिंह व उनकी टीम को 27 एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चलता दिखाकर शुक्रवार को वाहवाही लूटने की कोशिश की, उनके जाते ही 12 घंटे भी पूरे नहीं हुए कि बहोना चौक के निकट बने डिस्पोजल से कई लाख लीटर अनट्रीटेज सीवेज सीधे सेम नाले में डालकर सतलुज दरिया को प्रदूषित करना शुरू कर दिया।एक दिन पहले निगम की टीम से बहोना चौक पर ओवरफ्लो होते शहर के आधे हिस्से के सीवेज को बिना ट्रीटमेंट सेम नाले में छोड़े जाने के तथ्य को छुपा लिया था। दैनिक जागरण की टीम शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे से लेकर सुबह साढ़े दस बजे तक मौके पर मौजूद रही। इस दौरान डिप्लोजल के टैंक के अनधिकृत रूप से झाड़ियों के बीच लगाए करीब छह इंच मोटे पाइप से सीवेज सीधे सेम नाले में ऐसे गिर रहा था मानो ट्यूबवेल चल रहा हो। इस दौरान निगम के मुलाजिम वहां मौजूद थे, हमारी टीम ने उनसे छुपते छुपाते पूरे दृश्य को वीडियो क्लिप के रूप में कैमरे में कैद कर लिया।क्या है सीवेज की स्थितिशहर में नगर निगम क्षेत्र की करीब दो लाख लोगों की आबादी के हिसाब से करीब 22 एमएलडी (दो करोड़ बीस लाख लीटर) सीवेज ट्रीट करने की क्षमता वाले प्लांट लगाने की जरूरत थी, लेकिन निगम ने 20 साल के स्थिति को देखते हुए 27 एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर सकारात्मक कदम उठाया था। बुक्कनवाला पंपिग स्टेशन पर लगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में आधे शहर का पानी सीधे पहुंचता है, जबकि शहर के दक्षिण हिस्सा निचला होने के कारण यहां का पानी सीधे बहोना चौक के निकट बने डिस्पोजल पर पहुंचता है, यहां से पानी डिस्पोजल के माध्यम से अपलिफ्ट कर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाता है।आधा घंटे में ही ओवरफ्लो हुआ डिस्पोजल टैंकबहोना चौक डिस्पोजल में पहाड़ा सिंह, चौक, प्रीत नगर, सांदावाली बस्ती, लालसिंह रोड, टिब्बा बस्ती, अकालसर रोड आदि शहर के लगभग आधे हिस्से का सीवेज पहुंचता है। हर रोज सुबह चार बजे जल सप्लाई शुरू होने के साथ आधा घंटे बाद ही डिस्पोजल का टैंक ओवर फ्लो होने लगता है, ओवरप्लो पानी को बिना ट्रीट किए सीधे सेम नाले में डालने के लिए निगम ने अनाधिकृत रूप से छह इंच का बड़ा पाइप झाड़ियों के बीच से सीधे सेमनाले में डाला है, इसी पाइप से अनट्रीटेज सीवेज सीधे सेम नाले में डाल दिया जाता है। ये सेमनाला फिरोजपुर व फरीदकोट की सीमा में होते हुए सतलुज दरिया में जाकर दरिया को प्रदूषित करता है। सेमनाले बारिश के पानी को दरिया तक ले जाने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन मोगा ये सेमनाले का प्रयोग सीवेज को दरिया में डालने के काम आ रहा था।इंडस्ट्रीज का पानी भी डिस्पोजल मेंदैनिक जागरण की टीम शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे मौके पर पहुंची तो उस समय झाड़ियों के बीच लगे पाइप से अनट्रीटेड पानी सीधे सेमनाले में गिर रहा था, एक अन्य सेमनाला गांव बोहना की ओर से आ रहा था। इस सेमनाले पर हमारी टीम आगे बढ़ी तो पता चला कि गांव बहोना का सीवेज भी इसी सेमनाले से सीधे बहोना चौक स्थित सेमनाले में आकर गिर रहा था। हमारी टीम ने आगे बढ़ी तो देखा कि फोकल प्वाइंट के औद्योगिक इकाइयों का पानी भी इसी डिस्पोजल में जाकर गिरता है, राहत की बात ये है कि मोगा के फोकल प्वाइंट में लगी एग्रो इंडस्ट्रीज में किसी प्रकार के रसायन का प्रयोग नहीं होता है, जिससे कोई घातक रसायन तो नहीं जाता है, लेकिन घरों से निकलने वाले पानी में साबुन, सर्फ, फिनाइल आदि के माध्यम बड़े पैमाने पर रसायन सीवेज में पहुंचता है।शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
Source: Dainik Jagran July 10, 2021 07:32 UTC