रवि सिन्हा, रांचीझारखंड में मल्टी क्रॉपिंग यानी बहु फसलीय पद्धति किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस पद्धति से भूमि के एक छोटे से टुकड़े में भी कई फसल एक साथ उगाने से समय के साथ लागत में भी कमी आती है। जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलता है। रांची के एक ऐसे ही किसान हैं, जिन्होंने अपने खेतों में बहु फसलीय तकनीक को अपना कर कोरोना काल में भी अच्छी कमाई की है।रांची जिले के चान्हो प्रखंड के किसान नंद किशोर साहू पिछले कई वर्षों से लगभग 13 एकड़ भूमि पर मल्टिपल क्रॉपिंग कर रहे हैं। सूझबूझ के बल पर उन्होंने अपने खेतों में पत्ता गोभी, धनिया और अदरक की खेती करते हैं। सब्जी के साथ वे अपने खेतों में हाइब्रिड किस्म के पपीते का भी भरपूर मात्रा में उत्पादन करते हैं। बहु फसलीय पद्धति को अपनाने की वजह से कोरोना काल में भी नंद किशोर साहू ने अच्छी खासी कमाई करके दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं।कोरोना काल में मांग के अनुरूप नंद किशोर साहू ने अदरक, बीट और गाजर का भरपूर उत्पादन किया और मुनाफा कमाया। नंद किशोर साहू को कृषि के क्षेत्र में केंद्र से मिलने वाली योजनाओं का भी लाभ मिलता है। नंदकिशोर की पत्नी मंजू देवी बताती हैं कि ड्रिप से खेती करने के कारण बारिश के मौसम में भी फसलों को नुकसान नहीं होता है।
Source: Navbharat Times July 10, 2021 07:30 UTC