Jagran Dialogues: Corona के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन, Covishield और Covaxin के बारे में एक्सपर्ट से जानिए - News Summed Up

Jagran Dialogues: Corona के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन, Covishield और Covaxin के बारे में एक्सपर्ट से जानिए


Jagran Dialogues में मंगलवार को कोविड-19 के डबल म्यूटेंट वैक्सीनेशन प्रोसेस और अलग-अलग वैक्सीन पर जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने ICMR के Epidemiology and Communicable Diseases (ECD) डिविजन के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा से विस्तार से चर्चा की।नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। COVID-19 Vaccine: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में कोहराम मचाया हुआ है। पिछले एक महीने में डबल म्यूटेंट की वजह से कोविड-19 महामारी का भारत में सबसे भयावह रूप देखने को मिला है। ये ऐसा वक्त है, जब हमें कोविड-19 से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा। साथ ही वैक्सीन जल्द-से-जल्द लगवानी भी ज़रूरी हो गई है। Jagran Dialogues में मंगलवार को कोविड-19 के डबल म्यूटेंट, वैक्सीनेशन प्रोसेस और अलग-अलग वैक्सीन पर जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने ICMR के Epidemiology and Communicable Diseases (ECD) डिविजन के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा से विस्तार से चर्चा की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश:कोवैक्सीन, कोवीशील्ड और स्पूतनिक कैसे काम करती हैं? ये कैसे एक दूसरे से अलग हैं? पांडा ने बताया कि ICMR और Bharat Biotech ने संयुक्त रूप से मिलकर Covaxin का विकास किया है। इस वैक्सीन को दो बार लेना होता है। AstraZeneca ने Covishield का विकास किया है। भारत में सीरम इंस्टीट्युट इसका प्रोडक्शन कर रही है। Sputnik V रूस में विकसित वैक्सीन है, जो भारत में आने वाली है।Covaxin और Covishield डबल म्यूटेंट, यूके वेरिएंट और ब्राजील वेरिएंट को न्यूट्रलाइज़ करने में भी कामयाब साबित होगी हालांकि, Sputnik V के बारे में डेटा उपलब्ध नहीं है। यह वक्त दुविधा में रहने का नहीं है और हर किसी को वैक्सीन लगवाना चाहिए। ये वैक्सीन संक्रमण को रोकने वाले नहीं हैं लेकिन इसके जरिए गंभीर लक्षणों या दुर्भाग्यपूर्ण मौत को टाला जा सकता है। वैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड-प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।क्या ये तीनों वैक्सीन डबल म्यूटेंट वायरस पर कितनी प्रभावी हैं? हर तरह का वायरस खुद में बदलाव करता है, कई बार ये बदलाव वायरस को कमज़ोर बना देते हैं, लेकिन कई बार उन्हें मज़बूती भी मिल जाती है। डबल म्यूटेंट पिछले साल के कोरोना के मुकाबले कहीं ज़्यादा तेज़ी से फैल रहा है। अच्छी बात ये है कि हमने लैब में जब जांच की तो पाया गया कि कोवैक्सीन और कोवीशील्ड दोनों वैक्सीन डबल म्यूटेंट के खिलाफ भी कारगर साबित हो रही हैं। वहीं, स्पूतनिक के बारे में अपनी डाटा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा कोवैक्सीन और कोवीशील्ड दोनों यीके और ब्राज़ील वेरिएंट के खिलाफ भी कामयाबसाबित हो रही है।वैक्सीन की एफीकेसी कैसे तय होती है? भारत में उपलब्ध वैक्सीन्स की एफीकेसी क्या है?


Source: Dainik Jagran May 12, 2021 07:18 UTC



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