Indore News: किसानों ने किया हंगामा, कलेक्टोरेट जाने से रोका, चपरासी को ज्ञापन देने पर अड़े नाराज किसान - News Summed Up

Indore News: किसानों ने किया हंगामा, कलेक्टोरेट जाने से रोका, चपरासी को ज्ञापन देने पर अड़े नाराज किसान


इंदौर, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पश्चिम रिंग रोड के निर्माण के लिए किसानों की उपजाऊ जमीन को अधिग्रहित किए जाने के खिलाफ बुधवार को भारतीय किसान संघ ने भी र मोर्चा खोल दिया। संघ के नेतृत्व में किसानों ने 500 ट्रैक्टरों के साथ लक्ष्मीबाई अनाज मंडी से कलेक्ट्रेट तक मार्च निकालने का ऐलान किया। किसान मंडी में जुट गए लेकिन प्रशासन ने भारी पुलिस बल लगाकर मंडी को ही जेल बना दिया।ट्रैक्टरों को बाहर नहीं निकलने दिया गया। लगभग चार घंटे भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते रहे। कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं आए तो किसानों ने भी नीचे के अधिकारियों को ज्ञापन देने से इनकार कर दिया। एक मार्च से किसानों आंदोलन के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। शासन ने 140 किमी लंबी रिंग रोड के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। पहले चरण में 64 किमी लंबी पश्चिमी रिंग रोड बनाई जाना है।इसमें कुल 39 गांवों की 650 हेक्टेयर जमीन जो किसानों की है अधिग्रहित की जाना है। बीते कई महीनों से किसान अपनी उपजाऊ जमीन अधिग्रहित करने के खिलाफ अलग-अलग समूहों में आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच भारतीय किसान संघ ने भी भूमि अधिग्रहण का विरोध किया है।किसान कह रहे हैं कि सरकार उपजाऊ जमीन अधिग्रहित कर आने वाले दौर में अन्न संकट की भूमिका बना रही है।उपजाऊ जमीन के बदले गाइडलाइन दर से मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों को बाजार भाव से चार गुना मुआवजा दिया जाना चाहिए। बुधवार सुबह 11 बजते-बजते सैकड़ों किसान मंडी में जमा हो गए। इसी बीच प्रशासन ने मंडी के गेट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर बैरिकेडिंग कर दी और गेट बंद कर दिए। किसान संघ के नेता गेट के बाहर सड़क पर धरना देने बैठ गए।नहीं पहुंचे कलेक्टर तो चपरासी को बुलाया करीब साढ़े तीन घंटे तक किसान नेता मंडी के बाहर सड़क पर धरना देते रहे। इस दौरान प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। किसान संघ के नेताओं ने मांग की कि उन्हें कलेक्ट्रेट तक जाने दिया जाए। संघ के प्रांतीय नेता भी धरने में मौजूद थे। किसानों ने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर भूमाफियाओं-कालोनाइजरों को लाभ देने की योजना बना रही है।विकास सड़क बनाने से ही नहीं होता खेती-किसानी रोजगार का जरिया है। किसानों को उजाड़कर माफियाओं को बसाने की तैयारी हो रही है। इस बीच अपर कलेक्टर व एसडीएम मौके पर आए। किसानों से ज्ञापन लेने की बात कही। किसानों ने साफ कह दिया कि कलेक्टर आए तो उन्होंने ही ज्ञापन दिया जाएगा।अधिकारियों ने इनकार कर दिया कि कलेक्टर नहीं आएंगे।इस पर किसान संघ के नेताओं ने कहा कि फिर बेहतर है कि हम मंडी के चपरासी को ही ज्ञापन सौंप दे। उन्होंने मंडी के चपरासी को बाहर भेजने की मांग की। इस बीच कुछ लोग चपरासी को लेने पहुंचे। पुलिस व अधिकारियों ने धमकाते हुए चपरासी को बाहर जाने से रोक दिया। करीब 4 बजे किसान संघ ने धरना खत्म करते हुए ऐलान कर दिया कि एक मार्च से बड़ा आंदोलन शुरू होगा।


Source: Dainik Jagran February 21, 2024 11:06 UTC



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