Haryana Assembly Election 2019 : कांग्रेस घोषणा पत्र में कई लोकलुभावन वादे, अब भाजपा के सामने कुछ अलग दिखने की चुनौतीचंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। पार्टी ने कई लोकलुभावन वादे किए हैं। भाजपा भी रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में घोषणा पत्र जारी करेगी। पार्टी के सामने कांग्रेस के घोषणा पत्र से कुछ अलग दिखने की चुनौती होगी।हरियाणा में लगातार दस साल तक सत्ता में रही कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र के जरिये हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की है। प्रदेश की जनता से किए 184 वादों में कई ऐसे हैं, जो पूरा हो पाने की स्थिति में नजर नहीं आते। 2014 के चुनाव में भी कांग्रेस ने करीब एक दर्जन ऐसे बड़े वादे किए थे, जिन्हें पूरा कर पाना संभव नहीं था। इस बार कांग्रेस ने इन पुराने वादों को अपने चुनाव घोषणा पत्र से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।कांग्रेस ने प्रदेश की जनता से जिस तरह के वादे किए, उनके जरिये पार्टी के रणनीतिकारों की सत्तारूढ़ भाजपा पर दबाव बढ़ाने की मंशा साफ नजर आ रही है। भाजपा पहले ही कह चुकी कि वह सिर्फ वही वादे करेगी, जिन्हें पूरा किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने कई ऐसे बड़े वादे कर दिए, जिनके पूरा होने में न केवल भारी-भरकम बजट की जरूरत होती है, बल्कि बजट के इंतजाम को पार्टी ने बाद की स्थितियों पर छोड़ दिया है।कांग्रेस ने इस बार महिलाओं को खासतौर से टारगेट किया है। इसके पीछे भले ही दलील दी गई कि सोनिया गांधी, कु. सैलजा और किरण चौधरी तीनों महिलाएं हैं, लेकिन पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि किसी भी राजनीतिक दल की जीत-हार में महिला मतदाता अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए कांग्रेस ने योजनाबद्ध तरीके से महिलाओं को सरकारी व प्राइवेट नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण का जाल फेंका है।हरियाणा में कर्जमाफी शुरू से बड़ा मुद्दा रहा है। भाजपा किसानों को साधन-संपन्न बनाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस की दलील पहले उन्हें कर्ज मुक्त करने की है। भाजपा बिजली, पानी और सड़क के मुफ्त उपयोग के खिलाफ है, लेकिन कांग्रेस ने मुफ्त बिजली का वादा किया है। कांग्रेस ने 5100 रुपये मासिक पेंशन और पात्र व्यक्तियों की उम्र घटाने का बड़ा दांव खेलकर भाजपा को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर तो कर दिया है। भाजपा ऐसा कोई वादा नहीं करेगी, जिसे पूरा नहीं किया जा सकेगा।कांग्रेस के एजेंडे पर इस बार कर्मचारी भी हैं। 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने का वादा किया था, जबकि भाजपा कहती है कि हरियाणा के कर्मचारियों को पंजाब से अधिक वेतन और भत्ते मिल रहे हैं। इसे यदि लागू कर दिया गया तो कर्मचारियों के वेतन और भत्ते कम हो जाएंगे।कर्मचारियों की इस मांग को खारिज करने के लिए भाजपा ने सरकारी विभागों में भारतीय मजदूर संघ के नाम से समानांतर कर्मचारी संगठन खड़ा कर दिया है। कांग्रेस के इन लोक लुभावन वादों के बीच अब भाजपा के सामने कुछ ऐसा पेश करने की चुनौती है, जो उसे कांग्रेस से अलग खड़ा करे।विधायकों व पूर्व सांसदों के सुझाव से तैयार हुआ संकल्प पत्रकिरण चौधरी की अध्यक्षता में गठित कांग्रेस घोषणा पत्र समिति द्वारा तैयार संकल्प पत्र में कमेटी संयोजक आफताब अहमद और सह-संयोजक सुरेश गुप्ता की अहम भूमिका रही। व्यापारी प्रतिनिधि के रूप में बजरंग दास गर्ग ने सुझाव दिए। पूर्व ह हुड्डा और कु. सैलजा के सुझाव भी इसमें शामिल किए गए हैं।कांग्रेस ने 2019 में दोहराए 2014 के ये वादेहर जिले में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और विश्वविद्यालयप्रत्येक जिले में स्थापित होंगे किसान मॉडल स्कूललड़कियों के लिए खुलेंगे बारहवीं तक के आवासीय स्कूलपंजाबी व उर्दू के शिक्षकों के लिए नए पद होंगे सृजितहुडा के सेक्टरों व कमेटी एरिया में स्थापित होंगी रेहड़ी मार्केटवरिष्ठ नागरिकों को आवास एवं चिकित्सा की मिलेगी सुविधाप्रदेश में गैस आधारित बिजली के बड़े संयंत्र होंगे स्थापितनई स्वीकृत कॉलोनियों में तुरंत प्रभाव से शुरू होंगी मूलभूत सुविधाएंसभी जिलों में सब्जी और फल मंडिया होंगी स्थापित।विशेषज्ञों की नजर मेंकांग्रेस ने 2019 में दोहराये 2014 के यह वादेपालिटिकल साइंस, एसडीे कालेज अंबाला छावनी के राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एंड हेड डा. रमेश मदान का कहना है कि कांग्रेस दस साल तक सत्ता में रही। उसने ऐसा कोई बड़ा काम नहीं किया, जिसे आज याद किया जाता हो। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जितने वादे किए, अधिकतर यह सोचकर किए कि यदि सत्ता में आ गए तो ठीक है, देख लेंगे और यदि नहीं आ पाए तो जनता के पास कहने को उनकी पाकेट में बहुत कुछ होगा। हर जिले में यूनिवर्सिटी संभव नहीं है। खेलों की चिंता ज्यादा नहीं की। 55 साल की महिलाओं को 5100 रुपये पेंशन गैर व्यावहारिक है।पूर्व वीसी प्रोफेसर मदन मोहन गोयल का कहना है कि राजनीतिक दलों को ऐसी घोषणाएं करने का कोई हक नहीं है, जो पूरी नहीं हो सकती। इनकम टैक्स के पैसे को बर्बाद नहीं किया जा सकता। सिस्टम में वर्क कल्चर (काम की संस्कृति) विकसित करने की जरूरत है। लड़कियां आज किसी भी परीक्षा नतीजों में टाप पर होती हैं। उनका पास प्रतिशत भी ज्यादा होता है। उन्हें आरक्षण की जरूरत नहीं है। उन्हें समानता और सम्मान की जरूरत है। राजनीतिक दल यदि हर जिले में यूनिवर्सिटी की बात करते हैं तो यह बेमायने है, क्योंकि इसके लिए बड़े वित्त की जरूरत होती है और उसकी पालिसी आज तक हरियाणा में नहीं है।कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह वायदेविधवा महिलाओं, विकलांग, तलाकशुदा, उम्रदराज अविवाहित महिलाओं और किन्नरों को 5100 रुपये पेंशनबीपीएल परिवारों के घर निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपये अनुदानबीपीएल परिवारों के मकान की मरम्मत के लिए 50 हजार का सहयोगसरकार बनते ही कर्ज माफी, फसल बीमा की किश्तों का बोझ नहींखेत में काम करते हुए किसान की मृत्यु पर पांच लाख और मजदूर की मृत्यु
Source: Dainik Jagran October 12, 2019 06:52 UTC