Guru Govind Singh Jayanti 2020: 5 ककार, इनके बिने अधूरे माने जाते हैं सिख - News Summed Up

Guru Govind Singh Jayanti 2020: 5 ककार, इनके बिने अधूरे माने जाते हैं सिख


सिखों के 10 वें गुरु गोविंद सिंह का जन्मदिन जिसे प्रकाशोत्सव के नाम से मनाया जाता है इस वर्ष 2 जनवरी को मनाया जा रहा है। नानकशाही कैलेंडर के अनुसार 5 जनवरी को भी इनका जन्मदिन मनाया जाएगा। सिख धर्म में इनका बड़ा योगदान है। इन्होंने पिता के बलिदान के बाद जब गुरु की गद्दी संभाली तो 1699 ई. में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की।खालसा सिख धर्म में पूर्ण दीक्षित लोगों के समूह को कहा जाता है। अनंदपुर साहिब पंजाब के रुपनगर जिले में स्थित है। यहीं पर गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना करके पंच प्यारों का चुनाव किया था। यही वह स्थान है जहां पर गुरुजी ने खालसा के लिए 5 चीजों को रखना अनिवार्य बना दिया था और यह सिख धर्म के 5 ककार कहलाए।पंच ककार में शामिल 5 चीज वो हैं जिनका पहला अक्षर ‘क’ है। केश, कंघा, कच्छा, कड़ा और कृपाण यही वह 5 चीजें हैं जो हर खालसा की पहचान हैं। आइए जानें सिख धर्म में इन 5 चीजों का क्या है महत्व।गुरु गोविंद सिंहजी के इन उपदेशों से आप भी बना सकते हैं जीवन को कामयाबकेशः खालसा के लिए केश सबसे प्रमुख माना जाता है। यह इनके धार्मिक और आध्यात्मिक छवि को दर्शाता है। सभी गुरु और ऋषि मुनि केश धारण करते आए हैं इसलिए हर खालसा के लिए केश रखना अनिवार्य माना गया है।कंघाः गोविंद सिंहजी ने बताया कि धर्म अध्यात्म के साथ संसारिकता का ध्यान रखना भी जरूरी है। केश की देखरेख के लिए हर खालसा को अपने साथ कंघा रखना चाहिए।कच्छाः इसे धारण करना हर खालसा का लिए जरूरी माना गया है यह स्फूर्ति का प्रतीक है।कड़ाः यह केवल ऋंगार नहीं है। यह हर खालसा के लिए नियम और मर्यादा में रहने की चेतावनी है।कृपाण: खालसा पंथ की स्थापना धर्म की रक्षा के लिए हुआ था। खालसा पंथ में शामिल लोग धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से साधु होते हुए भी एक योद्धा माने जाते हैं। धर्म और सत्य के लिए प्राण देने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए आत्मरक्षा के लिए इनके लिए कृपाण साथ में रखना अनिवार्य माना गया है।गुरु गोविंद सिंह के जन्म की रोचक कथा पढ़ें


Source: Navbharat Times January 02, 2020 01:30 UTC



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